श्री संत कबीर यांनी सांगितलेले भजनाचे महत्त्व !
पर्बत सूना एक वृक्ष बिना । वृक्ष सूना एक पान बिना ।
मंदिर सूना एक दीप बिना । नारी सूनी एक पुरुष बिना ।
पुरुष सूना एक पुतर बिना । कहत कबीरा सुन भाई साधु ।
सब जगत सूना एक भजन बिना ।।
पर्बत सूना एक वृक्ष बिना । वृक्ष सूना एक पान बिना ।
मंदिर सूना एक दीप बिना । नारी सूनी एक पुरुष बिना ।
पुरुष सूना एक पुतर बिना । कहत कबीरा सुन भाई साधु ।
सब जगत सूना एक भजन बिना ।।