हृदय में स्थापित करेंगे रामराज्य का विचार ।
आज रामनवमी के अवसर पर ।
अपनेे हृदय में स्थापित करेंगे रामराज्य का विचार ।
फिर होगा हर नगरी में रामनाम का जयजयकार ॥ १ ॥
शपथ लेंगे इस धरती पर रामराज्य लाने की ।
संगठित हो जाओ हिन्दू युवकों, तैयारी करो अयोध्या नगरी जाने की ।
मन में है विश्वास, तन में है रामराज्य लाने का ध्यास ।
सपना है सभी हिन्दुओं का, यही है सारे हिन्दुओं की आस ॥ २ ॥
गुरुदेव ने लक्ष्य दिया है हिन्दू राष्ट्र का ।
रामराज्य के समान है ये भगवा पताका ।
लहराएंगे अयोध्या में, सम्मान बढाएंगे अपनी हिन्दू संस्कृति का ॥ ३ ॥
अयोध्या नगरी को सारे दीपक लगाकर रोशन करेंगें ।
प्रभु श्रीराम के प्रति भाव बढाएंगे ।
हमारे भीतर छूपे अहं-दोष से लडेंगे ।
मन को स्थिर कर स्वयंमें क्षात्रतेज जगाएंगे ॥ ४ ॥
अपना मन इस दीपक की प्रकाश से आलोकित करेंगे ।
साधना का आपातकाल आ रहा है साधना गति से करेंगे ।
भाव, शरणागति से प्रभु श्रीराम का स्मरण करेंगे ।
हम आगे बढेंगे, हम आगे बढेंगे ।
हृदय में स्थापित रामराज्य के विचार से ।
हम सब एक दिन रामराज्य लाएंगे, रामराज्य लाएंगे ॥ ५ ॥
– श्री. संकेत भोवर, सनातन आश्रम, रामनाथी, गोवा. (४.४.२०२१)
येथे प्रसिद्ध करण्यात आलेल्या अनुभूती या ‘भाव तेथे देव’ या उक्तीनुसार साधकांच्या वैयक्तिक अनुभूती आहेत. त्या सरसकट सर्वांनाच येतील असे नाही. – संपादक |