हमारी संस्कृति सदैव वचन निभाने में विश्‍वास करती है ।

११ फेब्रुवारी २०२१ या दिवशी पाश्‍चात्त्यांचा ‘प्रॉमिस डे’ झाला. त्या निमित्ताने…

‘‘रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाई।’’

– श्री रामचरित मानस

अतः ये एक दिन #PromiseDay का हिन्दू संस्कृती में कोई स्थान नहीं है, यह समझ ले!

 जय श्रीराम

– कु. शोभना मालवीय, वाराणसी