मनुष्यजाति के लिए लज्जाप्रद कर्नाटक का ‘सेक्स स्कैंडल’ !
१. धर्मनिरपेक्ष जनता दल के नेता प्रज्वल रेवण्णा पर सैकडों महिलाओं पर यौन अत्याचार करने के आरोप
‘कर्नाटक के हासन लोकसभा चुनावक्षेत्र में प्रज्वल रेवण्णा धर्मनिरपेक्ष जनता दल के प्रत्याशी थे । वे पूर्व मंत्री एच.डी. रेवण्णा के पुत्र, पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के भतीजे तथा पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौडा के नाती हैं । कुछ ही दिन पहले हासन लोकसभा चुनावक्षेत्र में चुनाव संपन्न हुआ । यहां के मतदान से कुछ दिन पहले प्रज्वल रेवण्णा के द्वारा अनेक महिलाओं के साथ यौन उत्पीडन किए जाने के संदर्भ में ‘पेन ड्राइव’, छायाचित्र तथा वीडियो मतदाताओं के घर-घर तक पहुंचाए गए, उसके उपरांत यह प्रकरण सामने आया ।
दुर्भाग्य की बात यह कि इसमें २ सहस्र ९७६ महिलाओं पर यौन अत्याचार हुए; परंतु किसी ने भी सामने आकर शिकायत करने का साहस नहीं दिखाया । इसके पीछे एक तो ‘इतने बडे राजनेता के विरुद्ध क्या राज्य की पुलिस जांच करेगी ? तथा आगे जाकर क्या न्यायालय में यह प्रकरण सिद्ध होगा ?, ये कारण थे । इसके साथ ही मानहानि के भय से भी महिलाओं ने शिकायतें नहीं कीं । इस स्थिति में एक वृद्ध महिला सीधे मुख्यमंत्री से मिली तथा उसने उसकी लडकी का यौन उत्पीडन होने की शिकायत की । इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्र की राजनीति में कार्यरत एक महिला ने भी शिकायत की । उसके उपरांत कुछ समाजसेवी महिलाएं महिला आयोग के पास शिकायतें लेकर आईं । कर्नाटक महिला आयोग की अध्यक्षा ने इसका संज्ञान लेकर पुलिस को जांच का आदेश दिया ।
२. प्रज्वल रेवण्णा के वाहन चालक के कारण महिलाओं पर किए गए अत्याचार हुए उजागर
ये सभी घटनाएं पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौडा को जो सरकारी आवास मिला है, उसमें ही हुईं । आश्चर्य की बात यह कि यह आवास जिला पुलिस अधीक्षक के कार्यालय के सामने है । इसका अर्थ जिन ३ सहस्र महिलाओं का यौन उत्पीडन हुआ तथा एक प्रकार से वह पुलिस प्रशासन के सामने ही हुआ, ऐसा अर्थ निकालना अनुचित नहीं होगा । ये सभी घटनाएं प्रज्वल रेवण्णा के वाहन चालक कार्तिक गौडा को ज्ञात थीं । प्रज्वल ने उस पर अत्याचार किए, साथ ही उसने उसकी गर्भवती पत्नी से भी मारपीट की थी । उसके उपरांत उसने महिलाओं पर किए गए अत्याचारों के छायाचित्र तथा वीडियो प्रज्वल रेवण्णा के विरोधियों को दे दीं । विरोधियों ने उन्हें मतदाताओं के घर-घर तक पहुंचाने का काम किया ।
३. प्रज्वल रेवण्णा का उन्माद
प्रज्वल रेवण्णा ने पुलिस प्रशासन से यह शिकायत करते हुए कहा कि ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ की सहायता से उसके ‘मॉर्फड फेसेस’ (इसमें किसी व्यक्ति का मूल छायाचित्र बदलकर उस स्थान पर दूसरा छायाचित्र लगाया जाता है) कर महिलाओं के साथ लैंगिक कृत्य करते हुए उसे दिखाया गया है; इसलिए ऐसा करनेवाले के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाए । उसके उपरांत वह जर्मनी भाग गया । ३ मई को इसके लिए विशेष जांच दल गठित किया गया । इस दल ने एच.डी. रेवण्णा के घर पर छापामारी की । उसमें प्रज्वल रेवण्णा के पिता एच.डी. रेवण्णा को गिरफ्तार किया गया । उनके साथ उनके एक सहयोगी को भी गिरफ्तार किया गया । इन सभी ने अग्रिम जमानत (एंटीसिपेटरी बेल) मिलने के लिए प्रयास किए; परंतु न्यायालय ने जमानत देना अस्वीकार कर दिया । प्रज्वल रेवण्णा जर्मनी में छिपे हैं । उन्हें पुलिस के सामने प्रस्तुत होने का संदेश भेजा गया; परंतु वे भारत नहीं लौटे हैं, साथ ही वे अन्वेषण विभाग को सहयोग नहीं कर रहे हैं ।
४. रेवण्णा को कठोर से कठोर दंड मिलना आवश्यक !
प्रज्वल रेवण्णा द्वारा पीडित महिलाओं पर किए गए यौन उत्पीडन का छायाचित्रण किया तथा उसके वीडियो अपने पास रखे । इससे उनकी विकृत मानसिकता ध्यान में आती है । ये वीडियो अनेक राजनेताओं के पास थे । इन पीडित महिलाओं में से अनेक महिलाएं अपना घर-बार छोडकर चली गई हैं । वर्तमान समय में पुलिस ने रेवण्णा के विरुद्ध ‘लुक आउट नोटिस’ (दिखते ही गिरफ्तार करने के आदेश) तथा ‘ब्लू कलर नोटिस’ भेजी है । ‘ब्लू कलर नोटिस’ के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संबंधित व्यक्ति की जांच करना संभव होता है । संपूर्ण विश्व में उस व्यक्ति का परिचय कराया जाता है । उसके कारण उसे भारत लाना सरल हो जाता है ।
कलंकित राजनेताओं के विरुद्ध हुए अभियोगों को विशेष न्यायालयों में चलाकर उन पर शीघ्रातिशीघ्र निर्णय आएं; इस विषय में सर्वोच्च न्यायालय के अनेक निर्णय हैं । ऐसा होते हुए भी ये लोग पीढी-दर-पीढी चुनाव जीतते ही रहते हैं । उनके विरुद्ध अनेक आरोप होते हुए भी वे चुनाव जीतकर सत्ता का सुख लेते हैं । प्रज्वल रेवण्णा के इसी वाहन चालक ने कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी से संबंधित अश्लील वीडियो पुलिस को दिए थे । उस संदर्भ में सिंघवी की जांच नहीं हुई अथवा उसके आगे कुछ नहीं हुआ । आज वे बडे सम्मान के साथ सर्वोच्च न्यायालय में वकालत करते हैं, साथ ही कांग्रेस के नेता के रूप में समाज में विचरण करते हैं । ‘प्रज्वल रेवण्णा के संदर्भ में ऐसा न हो तथा उसके विरुद्ध आपराधिक अभियोग प्रविष्ट कर उसे कठोर से कठोर दंड मिले, साथ ही ‘रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट’ तथा अन्य कानूनों में आमूलचूल परिवर्तन लाकर ऐसे व्यक्तियों की चल एवं अचल संपत्ति को नियंत्रण में लेकर पीडितों में उसका वितरण किया जाना चाहिए । इसके साथ ही ऐसे व्यक्ति को आजीवन कारागृह में डाल देना चाहिए, साथ ही उसके चुनाव लडने पर भी प्रतिबंध लगा देना चाहिए ।
५. काल के प्रवाह में यह घटना भी जनता की विस्मृति में चली जाएगी !
लोकसभा चुनाव संपन्न होने तक ही यह विषय चर्चा में बना रहेगा । उसके उपरांत न्यायालय में ‘तारीख पर तारीख’ करते हुए लंबे समय तक चलेगा । सामान्य जनता यह सब भूल जाएगी; क्योंकि जनता की स्मरण क्षमता बहुत अल्प होती है । प्रतिदिन ऐसी अनेक घटनाएं होती रहती हैं । उसके कारण अतीत में घटित घटनाओं का विस्मरण हो जाता है । नहीं तो, ऐसे दुष्कृत्य करनेवाले व्यक्ति का स्मरण कर समाज का क्या भला होनेवाला है ? इस प्रकरण के कारण पीडित महिलाओं को समाज में, साथ ही उनके संबंधियों को मुंह दिखाना कठिन हो गया है । ऐसे कांड पुनः न हों; इसलिए प्रज्वल रेवण्णा को कठोर से कठोर दंड मिले, यह जनभावना है !’
श्रीकृष्णार्पणमस्तु ।
– (पू.) अधिवक्ता सुरेश कुलकर्णी, मुंबई उच्च न्यायालय
(८.५.२०२४)
भारत का अर्थ क्या है ?भाःरत – भाः का अर्थ है तेज एवं रत का अर्थ है रमना, अर्थात हम तेज की उपासना में रमते हैं । (साभार : ‘हिन्दू घर’, प्रकाशक – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) |