Kartarpur Saheb Gurdwara : वर्ष १९७१ में यदि मैं प्रधानमंत्री होता, तो कर्तारपूर साहिब गुरुद्वारा भारत में होता ! – प्रधानमंत्री
पतियाला (पंजाब) – यदि वर्ष १९७१ में भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय मैं प्रधानमंत्री होता, तो पाकिस्तान से कर्तारपूर साहिब वापस लेता, ऐसा वक्तव्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां दिया । वे यहां पर आयोजित एक प्रचारसभा को संबोधित कर रहे थे । जब देश का विभाजन हुआ, तब कर्तारपूर साहिब गुरुद्वारा पाकिस्तान के पास गया । कर्तारपूर साहिब गुरुद्वारा भारत की सीमा से कुछ किलोमीटर की दूरी पर है ।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि,
१. देश के विभाजन के लिए कांग्रेस ही उत्तरदायी है ।
२. ७० वर्षों से हम कर्तारपूर साहिब गुरुद्वारा दूरबीन से देख रहे थे । वर्ष १९७१ में यह गुरुद्वारा भारत में आ सकता था । कांग्रेस ने इतना भी नहीं किया; परंतु वर्ष २०१९ में हमारी सरकार ने कर्तारपूर साहिब तक जाने का मार्ग खुला किया ।
३. पंजाब में नशीली पदार्थों के माफिया और ‘शूटर्स गैंग’ का राज्य चल रहा है । मुख्यमंत्री भगवंत मान केवल दस्तावेजों में मुख्यमंत्री हैं । पंजाब की परिस्थिति से उन्हें कुछ लेनादेना नहीं है । ऐसी परिस्थिति में पंजाब का विकास कैसे हो सकता है ?