US Students And Hindu Curriculum : अमेरिका में हिन्दू धर्मसंबंधी पाठ्यक्रम के छात्रों की संख्या में ४ गुना वृद्धि !
२ विश्वविद्यालयों के ८० शहरों में केंद्र
न्यूयॉर्क (अमेरिका) – अमेरिका में भारतीय संस्कृति की विश्वसनीयता तथा लोकप्रियता बढ रही है । अमेरिका के हिन्दू विश्वविद्यालय और अंतरराष्ट्रीय हिन्दू विश्वविद्यालयों में पीछले १० वर्षाें में हिन्दू पाठ्यक्रम के छात्रों की संख्या लगभग ४ गुना बढ गई है । वर्ष २०१४ में इन २ विश्वविद्यालयोेंं में ३ सहस्र ६९९ छात्रों के नाम पंजीकृत थे, जब कि अब वर्ष २०२४ में इसमें वृद्धि होकर यह संख्या १४ सहस्र २९६ हुई है । इनमें इस वर्ष ४० प्रतिशत अर्थात ५ सहस्र ९७० छात्र श्वेतवर्णीय हैं । अमेरिका स्थित भारतीयों की दूसरी तथा तीसरी पिढी के युवक हिन्दू पाठ्यक्रमानुसार शिक्षा ले रहे हैं ।
The number of students taking up Hindu curriculum in #America has increased by four times!
2 Universities with centers in 80 cities
After courses on Hinduism are taught in America and other foreign universities get huge response, universities in India will wake up and start… pic.twitter.com/nTN35FGZOF
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) May 19, 2024
१. हार्वर्ड, येल, एम्.आय.टी., ब्राऊन और कोलंबिया जैसे विश्वविद्यालयोेंं में भी २ वर्ष पहले हिन्दू पाठ्यक्रम आरंभ हुए हैं । इसमें संस्कृत, श्रीमद्भगवद्गीता, हिन्दू संस्कृति का इतिहास और हिन्दू ग्रंथ ये विषय ४ वर्षाें में सीखाए जाएंगे । इन दोनों विश्वविद्यालयोेंं के अमेरिका के ५० राज्यों के ८० शहरों में केंद्र भी हैं । इनमें लगभग १५ सहस्र अध्यापक पूरे वर्ष में कार्यशालाएं भी आयोजित करते हैं । धर्म नागरिकीकरण फाऊंडेशन ने इस सत्र के लिए दक्षिण कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय और क्लेरेमाँट लिंकन विश्वविद्यालय में २ शोधकेंद्र भी आरंभ किए हैं ।
२. दक्षिण कोलंबिया विश्वविद्यालय के अध्यक्ष मॅक्स निकियास के मतानुसार अगले सत्र से चीन और जापान के छात्रों की संख्या बढने की संभावना है । हिन्दू पाठ्यक्रम में पदवी और पी.एच्.डी. प्राप्त करने के उपरांत छात्र यूरोप एवं एशिया के शैक्षिक संस्थानों में नौकरी के लिए जाते हैं ।
संपादकीय भूमिकाअमेरिका तथा अन्य विदेशी विश्वविद्यालयोेंं में हिन्दू धर्मसंबंधी पाठ्यक्रम सीखाना आरंभ होने और उसे प्रचंड प्रतिसाद मिलने के पश्चात ही भारत के विश्वविद्यालय जग जाएंगे एवं वैसा पाठ्यक्रम सीखाना आरंभ करेंगे ! |