महाराष्ट्र में मांसाहारी उत्पाद ‘शोरमा’ और ‘मोमोज़’ खुले में खूब बिकते हैं!
कार्रवाई न करने वाले प्रशासन के खिलाफ सुराज्य अभियान की सरकार से शिकायत !
मुंबई, १४ मई (न्यूज) – महाराष्ट्र के अधिकांश प्रमुख शहरों में ‘शोरमा’ और ‘मोमोज़’ जैसे मांसाहारी व्यंजन खुले में बड़े पैमाने पर बेचे जा रहे हैं। इस तथ्य के बावजूद कि वे अवैध रूप से बेचे जाते हैं और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, स्थानीय प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। इस संबंध में हिंदू जनजागृति समिति के सुराज्य अभियान ने स्वास्थ्य मंत्री और खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री से शिकायत की है। ऐसे में स्थानीय निकायों को खुले में खाद्य पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट भेजनी चाहिए। सुराज्य अभियान के संयोजक श्री. अभिषेक मुरुकटे इन्होंने दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग शिकायत अर्ज में लिखी है।
श्री अभिषेक मुरुकाते ने लिखा है कि,…
१. २४ घंटे के बाद ‘शोर्मा’ पदार्थ में मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पदार्थ बन जाते हैं। इसमें रखा मांस कितने समय तक टिकाऊ रहेगा, इसकी कोई समय सीमा नहीं है। एक्सपायर्ड मांस खाने से विषबाधा हो सकती है।
२. शोरमा खाते समय उस पर ‘मेयोनीज’ एक सफेद रंग की ‘सॉस’ लगाई जाती है। अंडे की जर्दी का प्रयोग किया जाता है। इसकी गारंटी नहीं है कि इसे ठीक से संग्रहीत किया गया है या नहीं।
३. कुछ दिन पहले ऐसी खबरें आई थीं कि चिकन मोमोज में कुत्ते के मांस का इस्तेमाल किया गया है। इस मांसाहारी व्यंजन को सड़क के किनारे खुले में भाप में पकाकर परोसा जाता है। मोमोज में इस्तेमाल होने वाले ‘एजोडिकार्बोनामाईड’ और ‘बेज़ॉयल पेरोक्साइड’ शरीर के लिए हानिकारक होते हैं। इससे मधुमेह जैसे विकार बढ़ रहे हैं।
मुंबई समेत कई राज्यों में शोरमा के जहर से मौत!प्रथमेश घोकशे नामक युवक की मई २०२४ में मुंबई के मानखुर्द में चिकन शोरमा विषबाधा से मृत्यु हो गई। इस मामले में पुलिस ने आनंद कांबले और मोहम्मद अहमद रेजा शेख को गिरफ्तार कर मामला दर्ज किया है। कुछ दिन पहले गोरेगांव में भी शोरमा खाने से १२ लोगों को विषबाधा का सामना करना पड़ा था। इस शिकायत के जरिए अभिषेक मुरुकटे ने सरकार का ध्यान इस ओर दिलाया है कि केरल और तमिलनाडु राज्य में शोरमा से विषबाधा होना और उससे मौत होना, ऐसे मामले सामने आए हैं। |
मामला………..……!
शोरमा एवं मोमोज की खुलेआम अवैध बिक्री के विरूद्ध मा. अभिषेक मुरुकाटे ने १८ फरवरी को मुंबई नगर निगम प्रशासन के पास एक ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई थी; लेकिन प्रशासन ने उन्हें जवाब देने की जहमत तक नहीं उठाई. मानखुर्द में ७ मई को शोरमा के जहर से एक युवक की मौत के बाद ९ मई को मुंबई नगर निगम प्रशासन ने कार्रवाई की। अभिषेक मुरुकाटे को कार्यवाही के बारे में बताया गया। इसमें यह भी कहा गया कि मुंबई में केवल एक वार्ड में शोरमा और मोमोज के अनधिकृत विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई; लेकिन कोई विवरण नहीं दिया गया है, ऐसा श्री.अभिषेक मुरुकाटे ने कहा.
इस प्रकार मांस की खुली बिक्री से सामाजिक स्वास्थ्य को खतरा है। इसलिए प्रशासन को किसी की शिकायत का इंतजार किए बिना खुद ही इस पर कार्रवाई करनी चाहिए श्रीमान मुरूकटे ने सुराज्य अभियान के माध्यम से यह किया है।
संपादकीय भूमिकावास्तव में शिकायत करने का समय ही क्यों आता है ? खाद्य एवं औषधि प्रशासन क्या कर रहा है? |