छोटे-बडे सभी अनुभव करते नम्रता व प्रीति । कर जुड जाते लेकर दिव्यता की प्रतीति ।।
परिजन, बालक से सहजता से संवाद !
नेत्र तृप्त हो जाते, मधुर वचन संतुष्टि प्रदान करते ।
सान्निध्य के क्षण सभी के मन-मंदिर में बस जाते ।।
साधकों को कौशल सिखाने की विनती !
लगन दिखाई दे आपकी समष्टि कल्याण की ।
घटिका वह जीव के आध्यात्मिक उद्धार की ।।
अच्छे प्रयास करनेवालों को प्रोत्साहन देनेवाले सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी !
दूरदर्शन पर आनेवाले सुप्रसिद्ध धारावाहिक ‘महाभारत’ में श्रीकृष्ण की भूमिका निभानेवाले सौरभ राज जैन पत्नी रिद्धीमा एवं अन्य परिजनों के साथ सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी से मिले । उन्होंने सच्चिदानंद परब्रह्म डॉक्टरजी से अध्यात्म के विषय में विभिन्न प्रश्न कर अपनी शंकाओं का समाधान करवाया । सौरभ राज जैन के अभिनय के माध्यम से ईश्वर तक पहुंचने की दृष्टि से चल रहे प्रयास देखकर सच्चिदानंद परब्रह्म डॉक्टरजी ने उनकी प्रशंसा की ।
तेजस्वी एवं ध्यानस्थ ज्ञानसूर्य परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी !
परात्पर गुरु डॉक्टरजी को देखते ही मेरी आंखों से आनंदाश्रु बहने लगे । अखंड पवित्रता मेरे समक्ष अवतरित हो गया था । ‘प्रचंड बुद्धिमत्ता, गहन अध्ययन, नामजप से आया हुआ तेज, ध्यान में प्राप्त तत्त्व और आस-पास विचरती तरुण ऊर्जा’, इन सभी अलंकारों से सजा एक तेजस्वी ज्योतिर्मयस्वरूप; गतिविधि करते हुए भी ध्यानस्थ भासमान होनेवाला एक ज्ञानसूर्य मेरे समक्ष प्रकट हुए थे ।
– श्रीमती सोनिया परचुरे, प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना, दादर, मुंबई.
निरंतर सीखने की स्थिति में रहनेवाले सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी !
हिन्दू धर्म के गहन अध्ययनकर्ता एवं तत्त्वज्ञ पू. डॉ. शिवकुमार ओझा, मुंबई (आयु ८६ वर्ष) ने हिन्दू संस्कृति से संबंधित अनेक ग्रंथ लिखे हैं । उनकी भेंट होने पर सच्चिदानंद परब्रह्म डॉक्टरजी ने उनसे ‘स्वयं ‘आई.आई.टी.’ में एक प्राध्यापक होकर भी अध्यात्म का इतना गहन अध्ययन करने की प्रेरणा उन्हें कैसे मिली ?’, यह समझकर लिया ! डॉ. शिवकुमार ओझाजी संत हैं, यह भी सच्चिदानंद परब्रह्म डॉक्टरजी ने ही पहचाना ।