प्लास्टिक का उत्पादन कम करने के लिए चीन और सौदी अरेबिया इनका विरोध !
ओटावा – दुनिया को प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिए कॅनडा में चल रही अंतरराष्ट्रीय वार्ता समिति की चौथे दौर की वार्ता व्यर्थ रही। प्लास्टिक उत्पादन को कम करने पर दुनिया भर के अधिकांश देशों में आम सहमति का अभाव था। हालांकि, २५ नवंबर २०२४ से दक्षिण कोरिया के बुसान में होने वाले पांचवें और अंतिम दौर में प्लास्टिक उत्पादन कम करने पर चर्चा जारी रहेगी।
१. फ्रेंच पत्रकार क्रिस्टोफ़ बेचू ने कहा कि चीन और सऊदी अरेबिया जैसे प्रमुख पेट्रोकेमिकल उत्पादक देश प्लास्टिक उत्पादन कम करने का विरोध कर रहे हैं।
२. २०१५ में, यह निर्णय लिया गया था कि पृथ्वी को जलवायु परिवर्तन से बचाने के लिए ग्रह का औसत तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर से १.५ डिग्री सेल्सियस से अधिक नहीं बढ़ना चाहिए।
३. वर्ष २०१७ में, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा ने प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करने पर सलाह देने के लिए एक विशेषज्ञ समूह की स्थापना की। समूह ने दुनिया से प्लास्टिक को धीरे-धीरे ख़त्म करने की योजनाएं प्रस्तुत की।
४. साल २०१९ में ‘संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा’ ने दुनिया को प्लास्टिक प्रदूषण से बचाने का काम जारी रखने का फैसला किया।
५. प्लास्टिक उत्पादन से प्रति वर्ष २.५ बिलियन टन कार्बन उत्सर्जन और २२० मिलियन टन कचरा उत्पन्न होता है। दूसरी ओर, प्लास्टिक प्रदूषण महासागरों की गर्मी बढ़ा रहा है, जिससे पृथ्वी का समग्र तापमान बढ़ रहा है।