NOTA : अन्य उम्मीदवारों की अपेक्षा ‘नोटा’ को अधिक मत मिलने पर क्या करेंगे ?
उच्चतम न्यायालय ने भारतीय चुनाव आयोग को भेजा नोटिस !
(‘नोटा’ अर्थात ‘नन ऑफ़ दी एबभ’ अर्थात मतदान करते समय उस चुनावक्षेत्र के अन्य उम्मीदवारों को मत नहीं देना होगा, तो इस पर्याय को चुन सकते हैं ।)
नई देहली – लोकसभा चुनाव के लिए २६ अप्रैल के दिन मतदान का दूसरा चरण संपन्न हुआ । ऐसे में किसी एक चुनावक्षेत्र में सर्वाधिक मतदान ‘नोटा’ के पक्ष में हुआ, तो ऐसे समय उस चुनावक्षेत्र का चुनाव ही रद्य किया जाए, ऐसी मांग करने वाली याचिका उच्चतम न्यायालय में प्रविष्ट की गई है । इस पर न्यायालय ने भारतीय चुनाव आयोग को नोटिस भेजकर उस पर उत्तर देने का निर्देश दिया है । ‘नोटा’ की अपेक्षा कम मत पाने वाले उम्मीदवारों को ५ वर्ष के लिए सभी चुनाव लडने से रोका जाए, ऐसी मांग भी इस याचिका द्वारा की गई है ।
What should be done if ‘NOTA'(None of the above) gets more votes than other candidates?
The Supreme Court issues a notice to the Election Commission of India.#ElectionUpdate#LokSabhaElections2024 pic.twitter.com/pyzGPpvAbw
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) April 26, 2024
वर्ष २०२१ में भी इसी प्रकार की याचिका प्रविष्ट की गई थी । नोटा का प्रथम बार प्रयोग वर्ष २०१३ में हुआ था । छत्तीसगढ, मिजोरेम, राजस्थान, मध्य प्रदेश और देहली में हुए मतदान के समय नोटा का प्रयोग हुआ था ।