US Human Rights Report : ‘देश में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है’, ऐसा अमेरिका का रिपोर्ट भारत ने अस्वीकार कर दिया 

हिन्दुओं पर नहीं, अपितु मुसलमान एवं ईसाइयों पर कथित आक्रमणों का उल्लेख

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जेसवाल

वॉशिंग्टन (अमेरिका) – अमेरिका ने मानवाधिकारों के संदर्भ में प्रसारित किया हुआ ८० पृष्ठों का विवरण (रिपोर्ट) भारत ने अस्वीकार कर दिया है । मणिपुर की हिंसा का उल्लेख कर इस विवरण में कहा है कि वहां मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है ।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जेसवाल को पत्रकार परिषद में इस विवरण के विषय में पूछा गया, तब उन्होंने कहा, ‘हम इस विवरण को महत्त्वपूर्ण नहीं मानते हैं । आपको भी ऐसा ही करना होगा । इस विवरण से ऐसा स्पष्ट हो रहा कि अमेरिका भारत के बारे में अनुचित सोचता है ।’


क्या है विवरण में ?

१. ‘यूएस स्टेट डिपार्टमेंट’ प्रति वर्ष अनेक देशों में मानवाधिकारों के उल्लंघन के संदर्भ में विवरण प्रकाशित करता है । इनमें चीन, ब्राजिल, बेलारूस, म्यानमार एवं भारत का उल्लेख किया गया है । उसमें भारत के संदर्भ में कहा गया है कि मणिपुर के मैतेई एवं कुकी समुदायों के मध्य जातिय हिंसा फैलने से वहां मानवीय हकों का उल्लंघन हुआ है । ३ मई से १५ नवंबर २०२३ इस समयावधि में न्यूनतम १७५ लोगों की मृत्यु हुई तथा ६० सहस्र से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं । 

२. इस में आगे कहा गया है कि भारत की भाजपा सरकार भारत के मुस्लिमों से भेदभाव करती है। भारत में भी अल्पसंख्यकों पर आक्रमण बढ गए हैं । मोदी सरकार पत्रकारों को चुप करने तथा कारागार में डालने का प्रयास करती है । जम्मू-कश्मीर में लोगों के अभिव्यक्ति स्वतंत्रता का उल्लंघन हो रहा है । लोगों को शांति से आंदोलन नहीं करने दिया जाता है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं पर बनाई गई जानकारी-फिल्म (डोक्यूमेंट्री) प्रदर्शित करने पर बीबीसी के कार्यालयों पर छापेमारी की । साथ ही गुंडा अतिक अहमद जब पुलिस के नियंत्रण में था, तब उसकी हत्या की गई । (इन सभी उदाहरणों को देखते हुए अमेरिका को हिन्दुओं पर हो रहे आक्रमणों के विषय में जरा भी दया (रेहम) नहीं है । हिन्दुओं की धार्मिक शोभायात्राओं पर हो रहे आक्रमण, कन्हैयालाल की मुस्लिमों द्वारा ‘सर तन से जुदा’ कर की गई हत्या, कर्नाटक में पिछले कुछ वर्षों में हिन्दुत्वनिष्ठों की हुई हत्याएं, कश्मीर से पलायन के लिए अनिवार्य किए गए हिन्दू, बंगाल में असुरक्षित हिन्दू आदि का इस में कहीं पर भी उल्लेख न होना, इस पर से इस रिपोर्ट की विश्वसनीयता कितनी है, यही स्पष्ट होता है ! – संपादक) 

संपादकीय भूमिका

अमेरिका के भारत विरोधी विवरण कूडा बेचने समान होते हैं, यह फिर एकबार स्पष्ट हुआ है । पिछले कुछ वर्षों से देखा गया है कि अमेरिका भारत के संदर्भ में दोतरफा नीति अपना रहा है । इस कारण अमेरिका भारत का सच्चा मित्र कभी भी नहीं हो सकता, यह ध्यान में रखें !