सनातन संस्था के रजत जयंती महोत्सव के अवसर पर धनबाद में विशेष कार्यक्रम का आयोजन !
समाज में बढते तनाव को देख समाज द्वारा उपक्रम की प्रशंसा !
झारखंड में समाज के विविध घटकों के लिए ‘तनाव नियंत्रण’ विषय पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन
धनबाद (झारखंड) – सनातन संस्था की स्थापना के २५ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में रजत जयंती महोत्सव के अंतर्गत पूरे देश में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है । इसी के अंतर्गत झारखंड राज्य के विविध क्षेत्रों में ‘तनाव नियंत्रण’ विषय पर भी कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं ।
रांची क्षेत्र में द रामेश्वरम ग्रुप के मुख्य प्रबंधक एवं विश्व हिन्दू परिषद झारखंड प्रांत के अध्यक्ष श्री. चंद्रकांत रायपत ने अपने कर्मचारियों के लिए होटल ग्रीन एकर में कार्यक्रम का आयोजन किया । झारखंड कमर्शियल टैक्स बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अधिवक्ता आनंद कुमार पसारीजी ने जीएसटी भवन, रांची में कार्यक्रम का आयोजन किया । झारखंड-बिहार माहेश्वरी सभा के अध्यक्ष श्री. राजकुमार मारूजी ने रांची माहेश्वरी सभा के सदस्यों के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया ।
सरस्वती शिशु विद्या मंदिर शाखा अंतर्गत शामडीह, भूली, तेतुलमारी एवं सिनीडीही में कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम का अध्यापक, अभिभावक, पाठशाला के न्यासियों तथा ११ वीं तथा १२ वीं कक्षा के विद्यार्थियों ने लाभ लिया । इन सभी कार्यक्रमों का आयोजन अध्यक्ष एवं संयोजक श्री. फूल सिंहजी ने किया ।
इसके साथ हिन्दुस्तान माइलेबल्स एंड फोर्जिंग्स लिमिटेड, भूली, यामाहा शोरूम, ब्लैक डायमंड एक्सप्लोसिव प्राइवेट लिमिटेड, लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, कतरास गढ शाखा द्वारा उनके कर्मचारियों के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।
झारखंड के पब्लिक स्कूल में छात्रों के लिए ‘तनाव नियंत्रण हेतु व्यक्तित्व विकास एवं अध्ययन कैसे करें’, इस विषय पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन !
धनबाद (झारखंड) – यहां के धनबाद पब्लिक स्कूल में छात्रों के लिए ‘तनाव नियंत्रण हेतु व्यक्तित्व विकास एवं अध्ययन कैसे करें ?’, इस विषय पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी ने मार्गदर्शन किया । उन्होंने अपने मार्गदर्शन में बच्चों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘वर्तमान में अधिकांश बच्चे आपसी प्रतियोगिता के कारण एक प्रकार के तनाव में पढाई करते दिखाई देते हैं । मन लगाकर पढाई नहीं कर पाते । इस कारण परीक्षा में अपेक्षित सफलता न मिले, तो दुःख होता है । बच्चे इस कुचक्र में फंस जाते हैं ।’’
विद्यार्थी अध्ययन कैसे करें ? मन से परीक्षा का भय, चिंता तथा तनाव कैसे दूर करें ? परीक्षा में मिली असफलता के कारणों का समाधान, अध्ययन का महत्त्व, परीक्षा में विफलता से निराश होने के दुष्परिणाम, नामजप साधना का महत्त्व, स्वभावदोष दूर कर आनन्दित होने हेतु स्वभावदोष-निर्मूलन प्रक्रिया, गुण बढाकर आदर्श कैसे बनें आदि अनेक विषयों पर मार्गदर्शन किया गया । उन्होंने यह भी बताया कि छात्रों को आदर्श राष्ट्र प्रेमी बनने के लिए प्रयास करना आवश्यक है ।
इस कार्यक्रम में सरस्वती शिशु मंदिर, शामडीह के अध्यक्ष एवं कतरास के प्रसिद्ध उद्योगपति तथा सनातन संस्था के धर्मप्रचारक पू. प्रदीप खेमकाजी की वंदनीय उपस्थिति थी । उन्होंने साधना से उन्हें एवं उनके परिवार को हुए लाभ के विषय में अपने अनुभव से छात्रों को अवगत कराया । कार्यक्रम का सूत्र संचालन श्री. शंभू गवारे ने किया । कार्यक्रम का आयोजन पाठशाला के अध्यक्ष श्री. अनिल डालमियाजी ने किया ।
दैनिक जागरण के पत्रकारों के लिए उनके कार्यालय में ‘तनाव नियंत्रण’ विषय पर मार्गदर्शन
धनबाद (झारखंड) – यहां के दैनिक जागरण कार्यालय में हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी ने मार्गदर्शन किया । उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक क्षेत्र में एवं प्रत्येक आयु के लोगों में तनाव की मात्रा बढती जा रही है । ऐसे में आज तनाव नियंत्रण का विषय बहुत महत्त्वपूर्ण हो गया है ।’’ इस कार्यक्रम में ‘तनाव क्या होता है ?, तनाव के कारण क्या परिणाम होते हैं, तनावग्रस्त स्थिति में कौन से उपाय करने चाहिए, तनावमुक्त जीवन हेतु योग, प्राणायाम एवं अध्यात्म किस प्रकार उपयुक्त हैं एवं कलियुग में नामजप साधना का महत्त्व, कौन सा नामजप करने से क्या लाभ होते हैं’ आदि अनेक विषयों पर मार्गदर्शन किया गया । कार्यक्रम का सूत्र संचालन श्री. शंभू गवारे ने किया ।
क्षणिकाएं
१. एल आई सी में हुए कार्यक्रम के उपरांत उनके शाखा प्रबंधक श्री. राजीव तिवारी ने कहा कि ‘यह पूरा विषय हमारे ही जीवन से जुडा हुआ है ।’
२. दैनिक जागरण के संपादक श्री. चंदनजी ने कहा, ‘आज के परिप्रेक्ष्य में यह विषय बहुत ही आवश्यक है ।’
३. सरस्वती शिशु मंदिर के अध्यक्ष श्री. फूल सिंहजी ने कहा, ‘यह विषय महत्त्वपूर्ण है । इस क्षेत्र के पांचों विद्यालयों में हम इसका आयोजन करेंगे ।’
४. विषय सुनने के उपरांत अनेक लोगों ने स्वभावदोष-निर्मूलन प्रक्रिया में रुचि दिखाई एवं सनातन संस्था द्वारा प्रकाशित स्वभावदोष-निर्मूलन प्रक्रिया संबंधी ग्रंथ भी खरीदे ।