निरर्थक बुद्धिवादी !
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘भारत के हिन्दुओं को ही नहीं, पूरे संसार की मानवजाति को हिन्दू धर्म का आधार प्रतीत होता है । इसलिए पूरे संसार के जिज्ञासु अध्यात्म सीखने के लिए भारत आते हैं । बुद्धिवादी, धर्म विरोधी एवं साम्यवादी, आदि का तत्वज्ञान सीखने कोई भारत नहीं आता; परंतु यह भी वे नहीं समझते !’
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक