Judge Namaz Case : अधिवक्ता के नमाज पठन का विरोध करने के कारण जिला न्यायाधीश को उच्च न्यायालय से करनी पडी क्षमायाचना !
लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – मुसलमान अधिवक्ता मुहंमद इद्रिस के नमाज पठन पर टिप्पणी करने के कारण इलाहाबाद उच्च न्यायालयने ‘एन्.आई.ए.’ के विशेष न्यायाधीश (अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश) विवेकानंद शरण त्रिपाठी को समन भेजा (न्यायालय के सामने उपस्थित रहने की सूचना देना) । इसलिए न्यायाधीश त्रिपाठी ने १५ अप्रैल को उच्च न्यायालय के सामने बिना किसी शर्त की क्षमायाचना की । वास्तव में न्यायाधीश त्रिपाठी ने देखा था कि इद्रिस बार-बार नमाज पठन के लिए न्यायालय के बाहर जा रहे थे । इसलिए उन्होंने आरोपी का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक न्यायमित्र को नियुक्त किया था ।
१. न्यायाधीश त्रिपाठी के इस निर्णय पर आपत्ति जताते हुए मुहंमद इद्रिस इलाहाबाद उच्च न्यायालय पहुंचे ।
२. उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शमीम अहमद ने इसे धार्मिक आधार पर किया भेदभाव कहा है । राज्य के संविधान के अंतर्गत धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करनेवाली धारा १५ का यह अनादर है, इसलिए न्यायाधीश त्रिपाठी को समन भेजा गया । इसलिए न्यायाधीश त्रिपाठी ने उच्च न्यायालय में जाकर न्यायाधीश के सामने बिना किसी शर्त क्षमायाचना की ।
३. सुनवाई के समय कुछ मुसलमान अधिवक्ताओं ने शुक्रवार के नमाज में उपस्थित रहने के लिए न्यायालय का काम कुछ समय के लिए स्थगित करने की विनती की थी । इसपर न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने मुसलमान अधिवक्ताओं की यह मांग अस्वीकार की और आदेश दिया कि, जब भी मुसलमान अधिवक्ता नमाज के लिए जाएंगे, तब न्यायमित्र आरोपी का प्रतिनिधित्व करेंगे ।