US On India Pak : (और इनकी सुनिए…) ‘हम इसमें नहीं पडेंगे; परंतु भारत-पाकिस्तान को तनाव टालना चाहिए !’ – अमेरिका
प्रधानमंत्री मोदीजी के वक्तव्य ‘आतंकियों को उनके घर में घुसकर मार डालेंगे ।’ इस पर अमेरिका ने व्यक्त की प्रतिक्रिया
न्यूयॉर्क (अमेरिका) – कुछ दिन पूर्व उत्तराखंड में चुनाव सभा के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने देश में से आतंकवाद नष्ट करने के लिए केंद्रसरकार द्वारा लिए जा रहे कठोर निर्णयों के विषय में वक्तव्य दिया था । उन्होंने कहा था, ‘आज भारत में मोदी की सशक्त सरकार है । आतंकवादियों को उनके घर में घुसकर मारा जा रहा है ।’ इस पर अमेरिका ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है ।
We will not get in the middle of this, But India-Pak should avoid escalation
– US’ reaction to #PMModi‘s ‘Will enter #terrorist‘s homes and kill them’ remarkTo say ‘we will not get in the middle of India-Pakistan’ on one hand, and to offer India unsolicited advice on the… pic.twitter.com/Yw84cf0zYD
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) April 17, 2024
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने पत्रकार परिषद में कहा, ‘अमेरिका इस में नहीं पडेगी; परंतु हम भारत एवं पाकिस्तान, इन दोनों को कहना चाहते है कि यथासंभव संघर्ष टालें एवं चर्चा द्वारा समाधान निकाले ।’
(सौजन्य : ET NOW)
पिछले कुछ समय से पाकिस्तान द्वारा भारत पर निरंतर ‘टार्गेट किलिंग’ का (लक्ष्यित हत्या का) आरोप लगाया जा रहा है ।
दैनिक ‘लोकसत्ता’ का भारतविरोधी वार्तांकन !अमेरिका के भारत के संदर्भ में किए गए वक्तव्य को कहा ‘अमूल्य परामर्श’ ! भारत को कैंची में पकडनेवाले अमेरिका के षड्यंत्र को ‘अमूल्य परामर्श’ कहना, यह एक प्रकार से भारत की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिमा धुमिल करने जैसा ही है, क्या यह बात ‘लोकसत्ता’वाले ध्यान में लेंगे ? दैनिक ‘लोकसत्ता’ के जालस्थल पर इसके समाचार प्रसारित हुए है । उसमें कहा है कि अमेरिका ने भारत को ‘अमूल्य परामर्श’ दिया है । आगे कहा है, ‘भारत-पाकिस्तान विवाद में हमें हस्तक्षेप नहीं करना है; परंतु दोनों देशों को समझदारी से संवाद करना चाहिए ।’ ऐसा अमूल्य परामर्श अमेरिका ने भारत को दिया है । |
संपादकीय भूमिकाएक ओर ‘हम भारत-पाकिस्तान के बीच नहीं पडेंगे’, ऐसा कहना एवं दूसरी ओर भारत को इस पर *फोकट परामर्श देना, इसे क्या कहें ? भारत को अपनी अखंडता संजोने के लिए, लिए गए निर्णयों अथवा कृत्यों के विषय में अमेरिका को बोलने का अधिकार नहीं है, यह बात भारत को अमेरिका से कठोर शब्दो में कहनी होगी ! |