हिन्द महासागर में चीन के ३ जासूसी जहाज नियुक्त !
भारत की नौसेना भी है सतर्क !
नई देहली – दक्षिण चीन समुद्र में वहां के देशों पर सागरी दबाव लाने के उपरांत चीन ने अब हिन्दी महासागर क्षेत्र में सर्वे करनेवाले और पहरा देनेवाले न्यूनतम ३ चिनी जासूसी जहाज नियुक्त किए हैैं । चीन वर्ष २०२५ तक हिन्दी महासागर में पहरा लगाना चाहता है । हाल ही में भारतीय नौसेना ने भी हिन्दी महासागर में ११ पनडुब्बियां और ३५ युद्ध-पोतों का प्रबंध किया है । इसीके साथ अरब सागर में भी भारतीय नौसेना की गतिविधियां बढ रही हैं, जिससे कि अनेक नौकाओं को समुद्री लुटेरों से बचाना संभव हुआ है । अमेरिकी विशेषज्ञों ने हिन्द महासागर में चीन की बढती गतिविधियों के बारे में चिंता व्यक्त की है ।
चीन ने कहां नियुक्त किए हैं, जासूसी जहाज ?
१. ‘हिंदुस्तान टाइम्स’, इस अंग्रेजी समाचारपत्र के अनुसार, चीन का पहला जासूसी जहाज ‘जियांग यांग हाँग ०१’ बंगाल की खाडी से ५०० मील पश्चिम दिशा में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नियुक्त है । चीन का यह जासूसी जहाज ८ मार्च से यहां सक्रिय है । इस चिनी जहाज का काम है, १२ किलोमीटर पानी के नीचे काम करनेवाली पनडुब्बियों का परीक्षण करना । चीन इस जहाज की सहायता से सुमद्र की तलहटी का मानचित्र बनाना चाहता है ।
२. चीन का दूसरा जासूसी जहाज ‘जियांग यांग हाँग ०३’ मालदीव में नियुक्त है । वह वहां से ३५० मील की दूरी तक सागरी निरीक्षण तथा हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण कर रहा है । यह जहाज ३ महीने पहले हिन्दी महासागर में भेजा गया था । भारतीय नौसेना इस चिनी जहाज पर ध्यान रख रही है ।
३. चीन ने मॉरिशस के पोर्ट लुईस की दक्षिण दिशा में १ सहस्र २०० मील पर ‘दा यांग हाओ’ नामक तीसरे जासूसी जहाज का प्रबंध किया है । इसी के साथ चिनी नौसेना का समुद्री लुटेरों के विरुद्ध काम करनेवाला एक पथक एडन की खाडी में काम कर रहा है; परंतु आज तक चीन द्वारा किसी समुद्री लुटेरों को रोके जाने का कोई समाचार नहीं है । ऐसी स्थिति में भारत भी इन चिनी जहाजों पर ध्यान रख रहा है ।