Howrah Ram Navami Procession : हावडा में रामनवमी शोभायात्रा को बंगाल पुलिस ने नहीं दी अनुमति !

  • जहां लोगों की बस्ती नहीं है, ऐसे मार्ग से यात्रा ले जाएंगे, तो ही मिलेगी अनुमति !

  • प्रतिवर्ष ५० सहस्र लोगों की उपस्थिति में संपन्न होनेवाली शोभायात्रा २०० लोगों में ही निपटाने का आदेश !

  • पीछले वर्ष शोभायात्रा पर धर्मांध मुसलमानों ने किया था आक्रमण !

हावडा (बंगाल) – प्रतिवर्ष रामनवमी के निमित्त से यहां के प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन ‘अंजनी पुत्र सेना’ की ओर से भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया जाता है । इस वर्ष १७ अप्रैल को रामनवमी है और उस दिन भी शोभायात्रा का आयोजन किया गया है । ऐसा होते हुए भी बंगाल पुलिस द्वारा इसपर आपत्ति उठाई गई है । पुलिस ने बताया कि यात्रा के मार्ग में परिवर्तन करने पर ही अनुमति दी जाएगी । साथही केवल २०० लोगों को ही यात्रा में सहभागी होने की अनुमति दे पाएंगे । इसके विरुद्ध ‘अंजनी पुत्र सेना’ कोलकाता उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट करनेवाली है, ऐसी जानकारी सेना के संस्थापक सचिव सुरेंद्र कुमार वर्मा ने ‘सनातन प्रभात’ के प्रतिनिधि से वार्तालाप करते समय दी । इस संदर्भ में हावडा क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के. साबरी राज कुमार से संपर्क करने पर उन्होंने चुनाव बैठक का कारण देकर इसपर उत्तर देना टाल दिया ।

‘अंजनी पुत्र सेना’ के संस्थापक सचिव सुरेंद्र कुमार वर्मा

१. पीछले वर्ष की रामनवमी शोभायात्रा के समय धर्मांध मुसलमानों ने यात्रा में सहभागी हिन्दुओं पर आक्रमण किया था । वर्मा ने हमारे प्रतिनिधि को बताया कि बंगाल पुलिस हिन्दुओं की रक्षा करने में असफल रही है । सत्य तो यह है कि उनको हिंसाचार रोकना चाहिए । ऐसा न कर वह हिन्दुओं को ‘जीटी रोड’ मार्ग से यात्रा  निकालने के स्थान पर जहां लोगों की बस्ती नहीं है, ऐसे ‘फोरसोर रोड’ मार्ग से यात्रा ले जाने के लिए बता रही है । साथही हमें आचारसंहिता का कारण भी दिया जा रहा है ।

२. वर्ष २०१९ में हुए लोकसभा चुनावों के समय भी हमें शोभायात्रा के लिए अनुमति दी गई थी । पीछले १० वर्षों से हम इस यात्रा का आयोजन कर रहे हैं । पहले वर्ष में ही २ सहस्र हिन्दू सहभागी हुए । पीछले कुछ वर्षों में यह संख्या ५० सहस्रों से भी अधिक हुई । ऐसा होते हुए भी हमें केवल २०० हिन्दुओं को लेकर ही यात्रा निकालने का आदेश दिया गया है । इसके विरुद्ध हम कोलकाता उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट करनेवाले हैं । हमें न्यायालय पर विश्वास है ।


क्या हुआ था गतवर्ष की रामनवमी को ?

हावडा के शिवपुर में श्रीरामनवमी के दिन अर्थात ३० मार्च २०२३ की सायंकाल में निकाली शोभायात्रा पर धर्मांध मुसलमानों ने पथराव किया और बडी मात्रा में आग भी लगाई थी । दूसरे दिन भी वहां के हिन्दुओं के घरों पर पथराव किया गया । दोनों समय पुलिस तथा अर्धसैनिकी दल का प्रबंध होते हुए भी धर्मांध मुसलमान हिंसाचार कर रहे थे । उन्होंने इस समय पुलिस के वाहन भी जलाएं थे । बंगाल पुलिस से उचित कायर्वाही नहीं हो रही थी, इसलिए यह मामला न्यायालय ने  राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्र को सौंपा था । एन्.आई.ए. ने इस मामले में २६ फरवरी २०२४ को १६ धर्मांध मुसलमानों को बंदी बनाया है ।

संपादकीय भूमिका 

  • तृणमूल कांग्रेस की सत्तावाले बंगाल में इससे अलग क्या होगा ? अयोध्या में श्री रामलल्ला के विराजित होने पर भी उनके राष्ट्र में हिन्दुओं को उनकी ही शोभायात्रा निकालने के लिए अनुमति नहीं मिलती, यह हिन्दुओं के लिए लांच्छनास्पद ! इसपर रामराज्य अर्थात हिन्दू राष्ट्र स्थापित करना, यही एकमात्र विकल्प है, यह समझ लें !
  • इस प्रकार कानून का धाक दिखाने पर प्रश्न उठता है कि, हावडा भारत में है या पाकिस्तान में ?