महाराष्ट्र के १५० ट्रॉमा सुश्रुशा केंद्रों में से ४० बंद हैं , यह ‘सुराज्य अभियान’ सूचना अधिकार द्वारा उजागर हुआ !
सडक दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु की संख्या कम करने के लिए प्रारंभ किए गए ‘ट्रामा सुश्रुषा केंद्र’ उपेक्षित !
मुंबई – सडक दुर्घटनाओं के घटित होने पर अपघात ग्रस्त लोगों को तत्काल उपचार प्रदान करने हेतु राज्य में राष्ट्रीय तथा राज्य राजमार्गों पर १५० ट्रामा सुश्रुषा केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिससे दुर्घटना पीडितों की मृत्यु दर को कम किया जा सके । यद्यपि वर्तमान में, इनमें से ४० ट्रामा सुश्रुषा केंद्र बंद हैं। हिन्दू जनजागृति समिति के सुराज्य अभियान के संयोजक श्री अभिषेक मुरूकटे द्वारा सूचना के अधिकार के अंतर्गत प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में ट्रामा सुश्रुषा केंद्र दयनीय अवस्था में हैं, यह उजागर हुआ है।
कोल्हापुर, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, लातूर, रायगढ, नंदुरबार, बीड, हिंगोली, छत्रपति संभाजीनगर जिलों में १-१ ट्रामा सुश्रुषा केंद्र बंद हैं । अमरावती, बुलढाणा, गढचिरौली, धाराशिव, अहिल्यानगर, धुले जिलों में २-२ ट्रामा सुश्रुषा केंद्र बंद हैं । इसके अतिरिक्त पालघर, पुणे, सोलापुर, सांगली जिलों में ३-३ तथा नासिक में ५ ट्रामा सुश्रुषा केंद्र बंद हैं ।
The 'Trauma Care Center', set up to reduce the number of deaths in road accidents, non-functional !
Out of 150 trauma care centers in Maharashtra, 40 centers are shut down.
Shri. Abhishek Murukate, Coordinator of @SurajyaCampaign a wing of @HinduJagrutiOrg, obtained… pic.twitter.com/mrQ9BmIw0H
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) April 7, 2024
ट्रामा सुश्रुषा केंद्र की आवश्यकता !
वर्ष २०२२ में महाराष्ट्र में कुल २४ सहस्त्र ५७६ दुर्घटनाएं हुईं । इनमें ११ सहस्त्र ३७२ लोगों की मृत्यु हो गई । वर्ष २०२३ में कुल २५ सहस्त्र १३९ दुर्घटनाएं हुईं। इनमें ११ सहस्त्र १४५ लोगों की मृत्यु हो गई । वर्ष २०२१ में प्रदेश में २१ सहस्त्र २२३ दुर्घटनाएं हुईं । इसमें से ९ सहस्त्र ८७७ लोगों की मृत्यु हो गई । इन आंकडों पर दृष्टि डालें तो गत २ वर्षों में राज्य में दुर्घटनाओऺ की संख्या और मृत्यु की संख्या भी बढती जा रही है । इन आंकडो को देखते हुए महाराष्ट्र में ट्रामा सुश्रुषा केंद्रों की संख्या में वृद्धि करने की आवश्यकता है ।
ट्रामा सुश्रुषा केंद्र क्या है?सडक दुर्घटनाओऺ में यात्री गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं । दुर्घटनाओं में अक्सर हड्डियाँ टूट जाती हैं । मस्तिष्क पर चोट लगती है तथा अत्यधिक रक्तस्राव होता है । दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति का समय पर उपचार भी अत्यंत महत्वपूर्ण है; किन्तु चिकित्सालय दूर होने के कारण यह संभव नहीं हो पाता । इन सबका परिणाम व्यक्ति का प्राणांत होता है । ट्रामा सुश्रुषा केंद्र, दुर्घटना स्थल के निकट घायल लोगों को तत्काल और आधुनिक उपचार प्रदान करने के हेतु से निर्माण किए गए हैं । इसमें दुर्घटनाग्रस्त को तत्काल उपचार प्रदान करने के लिए अत्याधुनिक प्रणालियां तथा विशेषज्ञ डॉक्टर हैं । इससे अनेक लोगों के प्राणों की रक्षा की जा सकी है; किन्तु दुर्घटनाग्रस्तों के लिए अत्यंत आवश्यक ट्रामा सुश्रुषा केंद्रों को प्रशासनिक तंत्र द्वारा उपेक्षित किया जा रहा है । |