Katchatheevu Island Row : कच्चातिवु समस्या पर ५० वर्ष पहले समाधान हुआ है, इसलिए अब उसे फिर से उठाने की आवश्यकता नहीं ! – श्रीलंका के विदेश मंत्री
श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी का वक्तव्य
कोलंबो (श्रीलंका) – कच्चातिवु की समस्या ५० वर्ष पहले हल हो चुकी थी । उसे फिर से उपस्थित करने की आवश्यकता नहीं, ऐसा अधिकृत वक्तव्य श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने इस संदर्भ में दिया । इफ्तार पार्टी में उन्हें पूछे गए प्रश्न पर उन्होंने आगे कहा कि कच्चातिवु पर कोई विवाद नहीं है । कच्चातिवु को लेकर केवल भारत में राजनीतिक चर्चा हो रही है; परंतु इसके अधिकार के विषय में कोई चर्चा नहीं हुई है ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ३१ मार्च को सूचना अधिकार के अंतर्गत जानकारी का हवाला देते हुए कहा था कि कांग्रेस ने भारत के तमिलनाडु राज्य का रामेश्वरम् के समीप का कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया था । इसका आक्रोश प्रत्येक भारतीय के मन में है ।
केवल मतों के लिए उपस्थित किया जा रहा है प्रश्न ! – श्रीलंका के भारत में नियुक्त भूतपूर्व उच्चायुक्त फर्नांडो
वर्ष २०१८-२० में भारत में नियुक्त श्रीलंका के उच्चायुक्त ऑस्टिन फर्नांडो ने कहा कि,
१. कच्चातिवु का सूत्र भारत में केवल मतों के लिए उपस्थित किया जा रहा है, तब भी चुनावों के उपरांत भारत सरकार को इस विषय से पीछे हटना कठिन होगा, इसपर भाजपा को विचार करना चाहिए ।
२. भारत सरकार ने श्रीलंका की सागरी सीमा को लांघ दिया, तो वह हमारी संप्रभुता का उल्लंघन माना जाएगा । पाकिस्तान ने गोवा के पास समुद्री मार्ग से घुसपैठ की, तो क्या भारत उसको स्वीकार करेगा ? यदि बांग्ला देश ने बंगाल की खाडी में ऐसा कुछ किया, तो भारत की प्रतिक्रिया क्या होगी ?
३. तमिलनाडु के मतदाताओं को संतुष्ट करने के लिए भारत के विदेश मंत्री ऐसा बता सकते हैं कि ‘कच्चातिवु में भारतीय मछुआरों को मछली पकडने के अधिकार देंगे’; परंतु प्रत्यक्ष में यह कितना संभव होगा, यह अलग सूत्र है । इस कालावधि में कोई विवाद हुआ, तो उसे कौन संभालेगा ? भारत के तटरक्षक दल को यह दायित्व नहीं दिया जा सकता ।