पुणे के खडकवासला जलाशय का प्रदूषण रोकने में १०० प्रतिशत सफलता !
|
पुणे – धुलिवंदन और रंग पंचमी पर आयोजित ‘खडकवासला जलाशय संरक्षण अभियान’ निरंतर २२वें वर्ष भी १०० प्रतिशत सफल रहा। यह अभियान तब विशेष महत्व रखता है, जब महाराष्ट्र पानी की कमी के संकट से जूझ रहा है। यह अभियान २५ मार्च को हिन्दू जनजागृति समिति, खडकवासला ग्रामवासी और समविचारी संगठनों की ओर से चलाया गया था। उस समय हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं ने खडकवासला जलाशय के चारों ओर मानव श्रृंखला बनाकर नागरिकों को जागरूक किया और उन्हें बांध में प्रवेश नहीं करने दिया। अभियान में वरे, सासवड, परिंचे, वाघलवाडी, नसरापुर, शिरवल, भोर, नवेलवाडी, दौंड, पारगांव और पिंपरी-चिंचवड के स्थानीय ग्रामीणों और धर्म प्रेमियों ने भाग लिया।
पुणे महानगर को पानी की आपूर्ति करने वाले ४ बांधों में से, खडकवासला बांध में १.१९ टी.एम.सी. जल संग्रहित होता है तथा यह पुणे की प्यास बुझाता है। धूलिवंदन या रंगपंचमी के कारण पीने के पानी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए यह सामाजिक कल्याण आंदोलन २२ वर्षों से चलाया जा रहा है। हिन्दू जनजागृति समिति प्रारंभ से ही धूलिवंदन और रंगपंचमी के लिए जागरूकता का प्रसार करती रही है, रंग खेलने और जलाशय में उतरने, हिन्दू त्योहारों के नाम पर होने वाली अयोग्य कृतियों को रोकने और हिंदुओं को धर्मशास्त्र संबंधी जानकारी से जागरूक करती रही है।
विशेषताएं
१. सनातन संस्था की संत (श्रीमती) मनीषा पाठक की अभियान स्थल पर सराहनीय उपस्थिति रही।
२. हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा किये गये निरंतर जागरूकता एवं अभियानों के कारण रंग खेलने आने वाले लोगों की संख्या न्यूनतम थी।
३. हडपसर में सियाराम मंदिर शाखा के धर्मप्रेमी श्री आकाश जाधव कुछ मास पूर्व एक दुर्घटना के कारण चलने में कठिनाई होते हुए भी अपने मित्रों के साथ अभियान में सहभागी हुए।
४. श्रद्धालुओं ने अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा कि ‘यह अभियान जल देवता के अस्तित्व एवं कृपा के कारण ही सफल हो सका।’