Illegal Orphanage Human Trafficking : बेंगलुरु (कर्नाटक) में मुसलमानों द्वारा संचालित अनाथालय में मिलीं २० लडकियां !
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बेंगलुरु (कर्नाटक) – राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री प्रियंक कानूनगो ने यहां एक अनाधिकृत अनाथालय में छापा मारा । वहां उन्हें २० लडकियां मिलीं। खाडी देशों में विवाह के लिए इनकी तस्करी किए जाने का संदेह है। इस संबंध में श्री कानूनगो ने इस छापेमारी का लघु चलचित्र ‘एक्स’ पर प्रसारित किया है।
आज कर्नाटक के बंगलुरु में एक अवैध यतीमख़ाने का निरीक्षण करने के दौरान चौकाने वाली जानकारी सामने आयी है।
– यहाँ 20 लड़कियाँ थीं जिनमें से अनाथ बच्चियाँ भी हैं।
– बच्चियों को स्कूल नहीं भेजा जाता है,पूरे बाल गृह में भी खिड़की या रोशनदान नहीं है,लड़कियों को एकदम क़ैद कर के रखा गया… pic.twitter.com/fPKLhW4W57— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (मोदी का परिवार) (@KanoongoPriyank) March 15, 2024
श्री कानूनगो ने कहा कि लडकियों ने बताय कि, अनाथालय की देखरेख करने वाली सलमा नाम की महिला ने कुवैत में लडकियों का विवाह कराया है। जब लडकियों को आयोग के समक्ष प्रस्तुत होने के लिए कहा गया, तब सलमा और उसका हस्तक समीर गुंडों को बुला लाए । इन गुंडों ने झगडा करने का प्रयत्न किया । जब पुलिस ने गुंडों को नियंत्रित करने के लिए हस्तक्षेप किया, तो उनमें से एक ने भ्रमणभाष पर किसी से भीड को मस्जिद से एकत्रित करने के लिए कहा। पुलिस के निर्देश पर और अपनी महिला अधिकारियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हम पुलिस थाने चले गए। कर्नाटक सरकार अपराधियों का तुष्टीकरण करने के लिए शरणागत हो रही है। इस अनाथालय में अनाथ बच्चों सहित २० लडकियां थीं। इन लडकियों को विद्यालय नहीं भेजा जाता। पूरे अनाथालय में कोई खिडकी या प्राकृतिक प्रकाश की व्यवस्था नहीं है। लडकियों को पूर्णरूपेण बंदी बनाकर रखा जाता है। कुछ लडकियां यहां आने से पूर्व विद्यालय जाती रही थीं; किन्तु उनकी शिक्षा बंद कर दी गई है।
#WATCH | Bengaluru, Karnataka: After visiting an orphanage, NCPCR Chairperson Priyank Kanoongo says, "It is an illegal orphanage in Ashwath Nagar, Amarjyoti layout, Bengaluru……We were inquiring about an illegal orphanage which was running there. 20 girl-child were kept, some… pic.twitter.com/amIDBTFUF6
— ANI (@ANI) March 15, 2024
गत वर्ष भी बेंगलुरु के एक अनाथालय में छापेमारी के उपरांत आयोग के विरुद्ध अपराध प्रविष्ट किया गया था !
विशेष रूप से २३ नवंबर २०२३ को कर्नाटक सरकार ने प्रियंक कानूनगो के विरुद्ध बंदी आदेश जारी किया। बेंगलुरु के एक अनाथालय का निरीक्षण करते समय प्रियंक कानूनगो ने वहां बच्चों की जो स्थिति देखी और उसकी तुलना तालिबान के अंतर्गत नारकीय जीवन से की। इससे संतप्त होकर कर्नाटक सरकार ने प्रतिवेदन के आधार पर यह कदम उठाया था।
संपादकीय भूमिकाकांग्रेस के राज्य में इससे अलग क्या होगा? राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को जो जानकारी प्राप्त होती है, वह राज्य पुलिस को क्यों नहीं प्राप्त होती ? अथवा सूचना प्राप्त होने पर भी अनाथालय को इसलिए दुर्लक्षित किया जा रहा था क्योंकि इसे मुसलमानों द्वारा संचालित किया जा रहा था? |