Karnataka Congress Muslim Appeasement : कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने रमजान के लिए पाठशालाओं के समय में किया परिवर्तन !

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमय्या

गलुरू (कर्नाटक) – मुसलमानों के पवित्र मास रमजान की पृष्ठभूमि पर कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने पाठशालाओं के समय में ही परिवर्तन किया है । वैसा आदेश राज्य की पाठशालाओं को दिया गया है । इस कारण अब रमजान में पढाई और प्रार्थना एक साथ ही हो पाएगी, ऐसा सरकार द्वारा नियंत्रित उर्दू तथा अन्य अल्पसंख्यक भाषा पाठशाला संचालनालय ने कहा है । समझ में आया है कि छात्र पाठशाला में अनुपस्थित न रहें और उनका धार्मिक कार्य भी कर पाएं इसलिए यह निर्णय लिया गया है । यह आदेश ६ मार्च को ही दिया गया है ।

१. रमजान ११ मार्च से ९ अप्रैल तक है, इसलिए यह आदेश लागू हुआ है । १० अप्रैल तक पाठशालाओं के समय में यह परिवर्तन रहेगा ।

२. अधिकृत आदेशानुसार पाठशालाओं का काम सवेरे ८ से दोपहर १२.४५ तक चलता रहेगा और छात्रों को सवेरे १० से १०.१५ के बीच के समय में १५ मिनटों का ‘ब्रेक’ दिया जाएगा । बताया जा रहा है कि इसके पहले भी ऐसे आदेश दिए गए हैं ।

३. एक ओर कर्नाटक में हिन्दू छात्रों के साथ भेदभाव की घटनाएं हो रही हैं, जिसमें छात्रों के हनुमान चालिसा का पठन करने पर रोक लगाई जा रही है, तो दूसरी ओर रमजान की पृष्ठभूमि पर पाठालाओं के समय में परिवर्तन किया जा रहा है । इसपर सामाजिक माध्यमों में चर्चा हो रही है ।

४.
‘मिस्टर सिन्हा’ नामक उपभोक्ता ने ‘एक्स’ पर लिखा, कांग्रेसशासित कर्नाटक राज्य में रमजान के लिए पाठशालाओं के समय में परिवर्तन किया गया, उसी सरकार की पुलिस ने जनवरी में हिन्दुओं ने लगाया १०८ फूट का भगवा हनुमान ध्वज बलपूर्वक हटाया । यह मामला कर्नाटक के मंड्या जिले के केरागोडू गांव का है ।

आंध्र प्रदेश में भी ऐसा आदेश लागू !

कर्नाटक के साथ ही आंध्र प्रदेश विद्यालयीन शिक्षा विभाग ने उर्दू माध्यमों की पाठशालाओं के समय में परिवर्तन किया है । आंध्र प्रदेश में १२ मार्च से १० अप्रैल तक पाठशालाएं सवेरे ८ बजे से दोपहर १.३० बजे तक चलती रहेंगी । अल्पसंख्यक अध्यापक संघ के प्रतिनिधियों ने सरकार से की अनेक मांगों के उपरांत यह निर्णय लिया गया है । यह आदेश पूरे राज्य की उर्दू माध्यम की प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, उच्च माध्यमिक पाठशालाओं तथा समांतर कक्षों के लिए लागू है ।
यह समझ लें कि ईसाई मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी की सरकार का एक ही एजेंडा है, ईसाइयों तथा मुसलमानों की चापलूसी करना ! (संपादक)

संपादकीय भूमिका

  • जो कांग्रेस पाठशालाओं में ‘मुसलमान लडकियां हिजाब पहनकर न आएं’, इस पहले के भाजप सरकार के आदेश का प्रयत्नपूर्वक विरोध करती है, वह यदि मुसलमानों की चापलूसी के लिए ऐसा कदम उठाती हो, तो उसमें आश्चर्य क्या है ?
  • अल्पसंख्यक मुसलमानों के लिए देश की धर्मनिरपेक्ष प्रणाली की प्रतिमा मलिन करने का ही यह प्रयत्न है ! अर्थात यही तो है, भारतीय धर्मनिरपेक्षता की वास्तविक व्याख्या !