कोपरगाव (अहिल्यानगर) के महाविद्यालय में प्राचार्यों द्वारा छात्रों को नमाजपठन करने के लिए बाध्य किया गया !

  • हिन्दू आगबबूला

  • अपराध प्रविष्ट

प्रतिकात्मक छायाचित्र

कोपरगाव (महाराष्ट्र) – राष्ट्रसंत जनार्दनस्वामी चिकित्सालय के अधिकार के राष्ट्रसंत जनार्दनस्वामी चिकित्सकीय महाविद्यालय में प्राचार्यों सहित अन्यों द्वारा छात्रों को नमाजपठन के लिए बाध्य किया जाने का प्रकरण सामने आया है । केरल राज्य से एक इस्लामी अध्ययनकर्ता कार्यशाला लेने के नाम पर महाविद्यालय में आया था । महाविद्यालय की एक मुस्लिम शिक्षिका इस कार्यशाला में सहभागी थीं ।

महाविद्यालय के एक सभागृह में यह प्रकरण हुआ; परंतु इस संदर्भ में महाविद्यालय प्रशासन द्वारा स्पष्ट किया गया कि इस कार्यक्रम के लिए उनकी अनुमति नहीं ली गई थी । (कार्यक्रम में स्वयं प्राचार्य के उपस्थित रहते हुए व्यावस्थापन द्वारा इस प्रकार का स्पष्टीकरण देना, हास्यास्पद ही है ! – संपादक)

२६ फरवरी की रात्रि में हिन्दुत्वनिष्ठों ने गुस्सा व्यक्त कर इस घटना का जोरदार निषेध किया । हिन्दू समाज एवं यहां की हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने पुलिस थाने जाकर इस प्रकरण में कार्रवाई करने की मांग की है । महाविद्यालय प्रशासन एवं हिन्दू समाज द्वारा इस संदर्भ में याचिका प्रविष्ट करने पर संबंधितों पर अपराध प्रविष्ट किया गया है ।

कहा जाता है कि राष्ट्रसंत जनार्दनस्वामी की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था । संबंधितों ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि इसमें सर्वधर्मसमभाव के लिए नमाजपठन किया गया । (तो फिर हिन्दुओं की प्रार्थना भी लेना अपेक्षित था । वह क्यों नहीं ली गई ? – संपादक)

संपादकीय भूमिका

  • सामान्यतः यदि किसी विद्यालय द्वारा भगवद्गीता, योगासन आदि सीखाने का निर्णय लिया जाए, तो पुरो(अधो)गामी ‘शिक्षा का भगवाकरण’ होने का हो-हल्ला करते हैं । परंतु अब इनमें से कोई भी एक शब्द तक मुंह से नहीं निकालेगा, यह समझें !
  • इस प्रकरण में धर्मनिरपेक्षता को कलंकित करनेवाले प्राचार्य को निलंबित करने की मांग हिन्दुओं को करनी जाहिए !
  • एक भी छात्र ने नमाजपठन का विरोध नहीं किया । इससे छात्रों को हिन्दू धर्मशिक्षा की कितनी आवश्यकता है, यह ध्यान में आता है !