Bengal Ram Navami Violence Case : बंगाल में गत वर्ष रामनवमी के दिन हुई हिंसा के मामले में १६ मुसलमानों को बनाया गया बंदी !

कोलकाता (बंगाल) – बंगाल में गत वर्ष रामनवमी के दिन हुए हिंसाचार के मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण (जांच) तंत्र ने १६ मुसलमानों को बंदी बनाया है । इन सभी पर षड्यंत्र रचना, दंगा भडकाना और धार्मिक शोभायात्रा पर आक्रमण करना आदि आरोप करते हुए बंदी बनाया गया । ‘एन्.आई.ए.’ ने जांच के समय हिंसाचार का चित्रीकरण (वीडियो फुटेज) देखा, तभी वह इन १६ लोगों को पहचान सका ।

१. बंगाल के उत्तर दिनाजपूर जिले में ३० मार्च २०२३ को विश्व हिन्दू परिषद द्वारा आयोजित रामनवमी शोभायात्रा में सम्मिलित हिन्दुओं पर धर्मांध मुसलमानों ने आक्रमण किया था ।

२.
२४ घंटों के उपरांत हावडा के शिबपुर में फिर से एक बार पथराव हुआ था । इसमें ३ पुलिसकर्मियों के साथ लगभग १५ लोग घायल हुए थे । १० से अधिक वाहन जलाए गए । २० से अधिक दुकानों की तोडफोड की गई ।

३. बंदी बनाए गए आरोपियों के नाम जो कि ‘एन्.आई.ए.’ ने प्रसारित किए प्रसिद्धीपत्रक में हैं, वे इस प्रकार हैं – अफरोझ आलम, मोहम्मद अश्रफ, मोहम्मद इम्तियाज आलम, मोहम्मद इरफान आलम, कैसर, मोहम्मद फरीद आलम, मोहम्मद फुरकान आलम, मोहम्मद पप्पू, मोहम्मद सुलेमान, मोहम्मद सरजान, मोहम्मद नुरूल होडा, मोहम्मद वसिम, मोहम्मद सल्लाहुद्दीन, मोहम्मद जाननाथ, वसीम अक्रम एवं मोहम्मद तन्वीर आलम ।

 

संपादकीय भूमिका

  • दंगा होकर १ वर्ष बीत गया । इसलिए ‘दंगाइयों को बंदी बनाने के लिए इतना समय क्यों लगा ?’, इसका उत्तर जांच तंत्रों को देना होगा ।
  •  बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने से ही ऐसी समस्याओं का समाधान होगा, ऐसा ही हिन्दुओं को लगता है !