SUKKUR MASSACRE 1939 : वर्ष १९३९ में आज के पाकिस्तान के सुक्कूर शहर में ४० सहस्र हिन्दुओं का हुआ था नरसंहार !
पाकिस्तान के हिन्दुओं के लिए कार्य करनेवाले मुंबई के महेश वासू ने प्रसारित किया वीडियो !
मुंबई – भारत स्वतंत्र होने से पहले नोआखाली, मोपला इत्यादि स्थानों पर हिन्दुओं का भारी मात्रा में नरसंहार हुआ, यह हमें पता है; परंतु वर्ष १९३९ में सिंध प्रांत के सुक्कूर में हुआ हिन्दुओं का नरसंहार इनसे भी अधिक भयावह था । यह नरसंहार हमसे जानबुझकर छिपाया गया था । सुक्कूर शहर अब पाकिस्तान में है ।
20 Nov 1939: हिन्दू नरसंघार सख्खर सिन्ध पाकिस्तान#SukkurGenocide #Sindh #Pakistan
सख्खर शहर के 40 हजार हिंदुओं में से केवल 90 जीवित बचे बाकि सारे मारे गए #SantBhagatKanwarRam की गोली मार कर हत्या #AliMuhammadRashdi का बयान
1500 मुसलमान गिरफ्तार
मुख्या आरोपी मास्टर माइंड :… pic.twitter.com/D7RS4Shty5— Mahesh Vasu (@maheshmvasu) February 16, 2024
हिन्दुओं के पास अधिकार हैं, इसलिए आक्रोशित होकर किया था हत्याकांड
उस समय सुक्कूर शहर की लोकसंख्या ७० सहस्र थी । इनमें से ४० सहस्र हिन्दू थे । हिन्दू बहुसंख्यक होने से स्वाभाविक रुप से वहां के प्रशासन और महत्त्वपूर्ण विभागों का नियंत्रण हिन्दुओं के पास था । मुसलमान इससे अप्रसन्न थे । उन्होंने हत्या, भूमि पर अतिक्रमण, चोरियां, धोखाधडी इत्यादि जो इस्लाम का वास्तविक परिचय है, उन माध्यमों से वहां के हिन्दुओं का नरसंहार आरंभ किया । १३ अक्टूबर १९३९ को सैन जी.एम्. सय्यद के नेतृत्व में मुसलमानों ने एक इमारत को अपनी मस्जिद बताकर आंदोलन किया । भारतीय पुरातत्व विभाग ने स्पष्ट किया था कि वह मस्जिद नहीं है । तब भी मुसलमानों ने उस पर नियंत्रण प्राप्त किया । आगे १ नवंबर १९३९ को मुसलमानों ने आंदोलन की आड में भक्त कंवर राम नामक संत की गोलियों से हत्या की । १९ नवंबर १९३९ को सैन जी.एम्. सय्यद और सभी मुसलमान आंदोलकों को ब्रिटीश पुलिस ने बंदी बनाया । इस बंदी के निषेधार्थ २० नवंबर से सुक्कूर के मुसलमानों ने हिन्दुओं की दिनदहाडे हत्या करना आरंभ किया । एक ही दिन में सहस्रो हिन्दुओं की हत्या की गई । दूसरे दिन तक कुल ४० सहस्र हिन्दुओं में से केवल ९० हिन्दू ही जीवित रहे । सुक्कूर शहर के पास के गुसारजी गांव के सभी हिन्दुओं की हत्या की गई । इस समय १ सहस्र ५०० मुसलमानों को बंदी बनाया गया । मुस्लिम लीग के सचिव पीर अली महंमद राशदी को बंदी बनाया गया । यह सब जानकारी महंमद राशदी ने एक साक्ष्यात्कार में दी थी ।
हिन्दुओं के धर्मांतरण का अड्डा, बरचुंडी दरगाह !
इस पूरे नरसंहार के मुख्य सूत्रधार सैन जी.एम्. सय्यद, अब्दुल्ला हारूद, पीर अली महंमद राशदी , बरचुंडी दरगाह के मौलवी और जकरानी बलोच गुट के गुंडे थे । बरचुंडी दरगाह वही है, जिसका आज का प्रमुख मियां मिठ्ठू है । इसके नेतृत्व में ही पाकिस्तान में सहस्रों हिन्दू युवतियों का बलपूर्वक धर्मांतरण, निकाह, हत्याएं इत्यादि किया जा रहा है ।