मुसलमान पक्षधरों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में प्रविष्ट की याचिका पर डेढ घंटा चली सुनवाई !

  • ज्ञानवापी के तलघर में हिन्दुओं को पूजा करने की अनुमति देने का प्रकरण

  • १५ फरवरी को होगी आगे की सुनवाई

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) – वाराणसी के ज्ञानवापी में व्यासजी तलघर में पूजा आरंभ होने के प्रकरण में मुसलमान पक्ष द्वारा प्रविष्ट (दाखल) की गई याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई । इस समय ज्ञानवापी व्यवस्था समिति एवं उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अधिवक्ताओं ने अपना पक्ष प्रस्तुत किया । अब १५ फरवरी को पुनः सुनवाई होगी । उस समय हिन्दू पक्ष अपना मत रखेगा । इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा आगे की सुनवाई तक पूजा के आदेश को स्थगित नहीं किया है ।

मुसलमान पक्ष ने युक्तिवाद में कहा है कि व्यासजी तलघर कभी भी हिन्दुओं के नियंत्रण में नहीं था । तलघर नियंत्रण में होने का हिन्दुओं का दावा पूर्णतः अनुचित है । बाबरी प्रकरण में निर्मोही आखाडे की ओर से एक व्यक्ति ने खडे होकर पूजा करने का अधिकार मांगा था; परंतु न्यायालय ने वह अस्वीकार कर दिया था । (इस अभियोग का निर्णय अंततः हिन्दुओं के पक्ष में हुआ था, यह बात मुसलमान पक्ष सुविधापूर्वक भूल जाते हैं, यह ध्यान में लें ! – संपादक) ‘व्यास परिजन पूजा आरंभ करने की मांग कौनसे अधिकार से कर रहे हैं ?’, यह जिला न्यायमूर्ति को पूछना चाहिए था । जिला न्यायमूर्ति ने उनकी याचिका पर निर्णय लेने की अपेक्षा सीधे पूजा करने का आदेश दिया ।