Amethi Thug Nafees : २२ वर्ष पूर्व खोया हुआ लडका होने का बता कर धर्मांध ठग नफीस द्वारा लाखों रुपये ऐंठने का प्रयास !
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अमेठी (उत्तर प्रदेश) – यहां एक कट्टरपंथी धर्मांध मुसलमान द्वारा धोखाधड़ी का प्रकरण उजागर हुआ है । कुछ दिन पूर्व खरौली गांव के एक परिवार को ज्ञात हुआ कि उनका खोया हुआ बेटा अरुण साधु बन गया है । इस संबंध में समाचार भी मिले । प्रकरण में तदोपरांत ज्ञात हुआ कि वह लडका अरुण नहीं बल्कि नफीस है तथा उसने परिवार से लाखों रुपये ऐंठने के लिए ‘अरुण’ होने का नाटक किया है। दैनिक ‘जागरण’ तथा एक स्थानीय यूट्यूब वाहिनी के अन्वेषण से यह वास्तविकता उजागर हुई है।
यूपी के इस जिले में सामने आया ठगी का बड़ा खेल, 22 साल बाद साधु के वेष में घर पहुंचा बेटा; जांच हुई तो अरुण निकला नफीस#UttarPradesh #Amethi #Fraud #Uppolicehttps://t.co/IGtna2Lwrj
— Dainik Jagran (@JagranNews) February 10, 2024
१. खरौली गांव में अरुण नाम के एक व्यक्ति का बेटा बचपन में ही खो गया था । यह देखकर कि उनका अपना पुत्र अब साधु बनकर घूम रहा है, उन्होंने उसे घर आने के लिए कहा । परिवार का प्रयास था कि लडका साधु का जीवन त्याग कर पुन: पारिवारिक जीवन स्वीकार करे । साधु ने ऐसा करने से नकार दिया; किन्तु उसके उपरांत उसने भ्रमणभाष पर कहा कि यदि वे उसे वापस लेना चाहते हैं तो उन्हें उसके मठ को १० लाख रुपये देने होंगे ।
२. परिवार अपने बेटे को वापस चाहता था; इसलिए उन्होंने अपनी भूमि बेच दी तथा बेटे को वापस लाने के लिए निकल पडे। पूर्ण व्यवहार ३ लाख ६० सहस्त्र रुपए में तय हुआ; किन्तु जिस लडके के लिए परिवार सब कुछ बेचने को तैयार थे, वह लडका उनका बेटा नहीं था किन्तु गोंडा के टिकरिया गांव का रहने वाला ठग नफीस निकला ।
३. नफीस जिस गांव का रहने वाला है वहां के कुछ लोग धोखाधडी के आरोप में कारागृह भी जा चुके हैं । नफीस का भाई राशिद २९ जुलाई २०२१ को जोगी बनकर मिर्जापुर के सहस्पुरा परसोधा गांव पहुंचा था । वहां के निवासी बुधिराम विश्वकर्मा का बेटा रवि भी १४ वर्ष पहले खो गया था । उस परिवार ने भी राशिद को अपना बेटा रवि मानकर घर में स्थान दिया था । किन्तु तदोपरांत वही राशिद लाखों रुपये लेकर भाग गया ।
४. इस बार भी नफीस ने धोखाधडी की वही पद्धति अपनायी । साधु का वेष बनाकर वह अमेठी के खरौली गांव पहुंचा तथा एक ऐसे परिवार को लक्ष्य किया , जिसका बेटा लापता था । उसने उन्हें मूर्ख बनाने के लिए उनके साथ भावनात्मक छल किया । २७ जनवरी को खरौली पहुंचने पर उसने कहा कि झारखंड के पारसनाथ मठ में उसने पढाई की है ।
संपादकीय भूमिकाधर्मांध कट्टर मुसलमानों द्वारा हिंदुओं से धोखाधडी करने के लिए अपनाया गया एक और जिहाद ! |