Women Pregnant Bengal Jails : बंगाल के कारागृहों में महिला कैदियों का गर्भवती होने का दावा करनेवाली याचिका प्रविष्ट !
कारागृह में पुरुष कर्मचारियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग
कोलकाता (बंगाल) – कोलकाता उच्च न्यायालय में प्रविष्ट की गई याचिका में यहां के कारागृहों में अनेक महिला कैदी गर्भवती हो रही हैं, ऐसा दावा किया गया है, साथ ही इस याचिका में महिला कारागृहों में पुरुष कर्मचारियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है । मुख्य न्यायाधीश टी.एस्. शिवग्ननम एवं न्यायाधीश सुप्रतिम भट्टाचार्य के खंडपीठ के सामने इस याचिका पर सुनवाई हुई । उन्होंने इस प्रकरण को आपराधिक अभियोगों की सुनवाई करनेवाले विभागीय खंडपीठ के सामने रखने का आदेश दिया । इसके अतिरिक्त राज्य के सरकारी अधिवक्ताओं को भी उस समय उपस्थित रहने का आदेश दिया । इस प्रकरण की अगली सुनवाई १२ फरवरी को होगी ।
A petition has been filed claiming that female prisoners getting pregnant in the prisons of #Bengal !
A demand has been made to ban the entry of Male staff members inside female prisons
If this incident is true, then this is shameful for the prison administration !… pic.twitter.com/MTtVdxoPIV
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) February 9, 2024
१. कोलकाता उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के मित्र (‘एमिकस क्युरी’) ने यह याचिका प्रविष्ट की है । उन्होंने राज्य के कारागृह महानिरीक्षक के साथ एक कारागृह का भी अवलोकन किया, वहां उन्हें एक महिला गर्भवती दिखाई दी, साथ ही १५ बच्चे उनकी माताओं के साथ वहां रह रहे थे । उनकी माताएं सुधारगृह की हिरासत में रह रही थीं । इस याचिका पर विचार करने के उपरांत कोलकाता उच्च न्यायालय ने यह स्वीकार किया कि ‘न्याय मित्र’ने एक गंभीर विषय की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया है ।
२. बंगाल के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब किसी महिला को गिरफ्तार किया जाता है तथा उसके बच्चे की आयु ६ वर्ष से अल्प हो, तो ऐसी स्थिति में उस बच्चे को उसके माता के साथ कारागृह में रहने की अनुमति है । कारागृह में स्थित महिला कैदियों के गर्भधारण के विषय में हमारे पास कोई जानकारी नहीं है । ऐसा कुछ ज्ञात हुआ, तो उस पर विचार किया जाएगा । बंगाल के विभिन्न कारागृहों में इससे पूर्व ही ६ वर्ष के नीचे की आयु के १९६ बच्चों का पालनपोषण किया जा रहा है ।
संपादकीय भूमिकायदि ऐसा हो रहा हो, तो वह कारागृह प्रशासन के लिए लज्जाप्रद ! |