Haldwani Riots : पुलिस थाने में पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने का था प्रयत्न !
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हल्द्वानी (उत्तराखंड) – यहां के मलिका बगीच क्षेत्र में ८ फरवरी को उच्च न्यायालय के आदेशानुसार गैरकानूनी मदरसा गिराने के लिए गए प्रशासन और पुलिस कर्मियों पर स्थानीय धर्मांध मुसलमानों ने बडा आक्रमण किया । तदुपरांत यहां के बनभूलपुरा पुलिस थाने पर भी आक्रमण किया गया । चारों ओर से घेरकर वहां के वाहनों में आग लगाई गई । इस आक्रमण में पत्थरों के साथ पैट्रोल बम और बंदूकों का भी उपयोग किया गया । इस हिंसाचार में अब तक ५ लोगों की मृत्यु हुई है । मृतकों के नाम इस प्रकार हैं- पिता-पुत्र जॉनी और अनस, एरिस, इसरार और सिवान । साथही १०० से भी अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं । इनमें से अनेकों को अस्पताल में भर्ती किया गया है । हिंसाचार करनेवालों पर दिखते ही गोलियां चलाने का आदेश दिया गया है । अभी वहां पर कर्फ्यू लागू किया गया है । साथही इंटरनेट बंद किया गया है । ९ फरवरी को विद्यालय तथा महाविद्यालयों को छुट्टी घोषित की गई थी ।
#WATCH | Security heightened in the violence-hit area of Haldwani, Uttarakhand.
Violence broke out in Banbhoolpura, Haldwani yesterday, following an anti-encroachment drive. pic.twitter.com/aatgMlHiyh
— ANI (@ANI) February 9, 2024
ये हुए घायल ! : पथराव में हल्द्वानी के विभागीय जिला दंडाधिकारी परितोष वर्मा, कालाधुंगी की विभागीय जिला दंडाधिकारी रेखा कोहली, तहसीलदार सचिन कुमार, कार्यकारी अधिकारी (विशेष कार्यवाही) नितीन लोहानी और १०० से भी अधिक पुलिसकर्मी |
नियोजित आक्रमण ! – जिलाधिकारी वंदना सिंह
हल्द्वानी की जिलाधिकारी वंदना सिंह ने पत्रकार वार्ता में बताया कि मदरसे पर कार्यवाही करने के लिए उत्तराखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही थी और हमारी ओर से भी प्रशासकीय स्तर पर कार्यवाही हो, इसलिए प्रयत्न हो रहा था । यहां के नागरिकों को इसकी जानकारी थी । ध्यान में आया है कि कार्यवाही का विरोध करने के लिए उन्होंने पहले से ही छत पर पत्थर इकठ्ठा किए थे और साथ ही पैट्रोल बम बनाकर रखे थे । ३० जनवरी तक यहां ऐसी स्थिति नहीं थी ।
#WATCH | Uttarakhand: DM Nainital, Vandana Singh gives details about the violence in Haldwani following an anti-encroachment drive. pic.twitter.com/3SYXkTw8gV
— ANI (@ANI) February 9, 2024
‘The attack was pre planned. Even as the hearing on illegal structures was going on in the Courts, Stones were collected on the terraces of buildings’
– DM Nainital, Vandana SinghHow will the Police be able to protect the people when they cannot even defend their own forces… pic.twitter.com/ukT0PvN9WK
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) February 9, 2024
हिंसाचार का घटनाक्रम
१. उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश से प्रशासकीय कर्मचारी, अधिकारी और पुलिस यहां का गैरकानूनी मदरसा गिराने के लिए गए थे । तब स्थानीय मुसलमान महिलाओं ने उनका विरोध करना आरंभ किया । इसके पश्चात यहां के मुसलमानों ने उनके घरों के छतों से पुलिस तथा प्रशासकीय कर्मचारियों पर पथराव करना आरंभ किया । उसी समय यहां के गलियारों से पुलिस पर गोलीबारी भी आरंभ हुई । पैट्रोल बम भी फेंके जाने लगे । इस कारण पुलिस पीछे हटने लगी । इस पथराव में अनेक पुलिसकर्मी घायल हुए । अनेक महिला पुलिसकर्मी स्थानीय हिन्दुओं के घरों में जाकर छिपने का प्रयत्न करने लगीं, उन्हीं घरों का आग लगाने का प्रयत्न किया गया ।
२. इसके पश्चात धर्मांध मुसलमानों ने पुलिस थाने को घेर लिया । इसमें बडी संख्या में बुरका पहनी मुसलमान महिलाएं थी । तदुपरांत पुलिस थाने के बाहर के वाहनों मे आग लगाना आरंभ हुआ । इस आग में पुलिस थाना भी जल जाएगा, इस आशंका से पुलिसकर्मी छत से बाहर आने का प्रयत्न करने लगे, जबकि उनपर भी पथराव होने लगा । अनेक घंटों तक यह हिंसाचार चल रहा था । तदुपरांत पुलिस को गोलीबारी करने का आदेश मिला । साथही अधिक पुलिस सहायता आनेपर धर्मांधों को खदेड दिया गया । इतना बडा हिंसाचार होनेपर भी अब तक केवल ४ लोगों को ही बंदी बनाया गया है । (यह है पुलिस की कार्यक्षमता ! – संपादक)
३. दोपहर में आरंभ हुआ हिंसाचार देर रात तक चलता रहा । इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उच्चस्तरीय बैठक आमंत्रित की । इस बैठक में सरकारी एवं पुलिस अधिकारी उपस्थित थे ।
हमें जलाने का प्रयत्न किया गया ! – महिला पुलिस
महिला पुलिस ने बताया कि, हिंसाचार आरंभ होनेपर जब हम वहां से बाहर निकलने के लिए एकसाथ १५ से २९ पुलिसकर्मी एक घर में घुस गए, तब लोगों ने घरों पर पथराव किया, बोतलें फेंकी । आग लगाने का प्रयत्न किया । सडकों तथा घरों के छतों से सर्वत्र पथराव हो रहा था । दंगाइयों ने सडकें घेर ली थी । हमें बचाने वाले व्यक्ति का घर भी गालियां देते हुए तोड डाला । मुख्यालय से दूरभाष कर हमने बताया कि हम कहां हैं, तब पुलिस ने आकर हमें बाहर निकाला ।
कठोर कार्यवाही की जाएगी ! – मुख्यमंत्री धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आश्वासन दिया है कि, ‘तोडफोड और हिंसाचार करनेवालों पर कठोर कार्यवाही की जाएगी ।’ (ऐसा करना आवश्यक ही है । सत्य तो यह है कि फिर से ऐसा हिंसाचार करने का धर्मांध मुसलमानों का साहस नहीं होगा, ऐसा धाक निर्माण होने जैसी कार्यवाही होना आवश्यक है, ऐसा ही हिन्दुओं को लगता है ! – संपादक)
#WATCH | On Haldwani violence, Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami says, Anti-encroachment drive has been going on as per the court’s direction…administration had notified people beforehand… administration were attacked with petrol bombs, stones, there was arson also. Some… pic.twitter.com/dXrLsv2kmn
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 9, 2024
हिंसाचार पूर्वनियोजित ! – पुलिस
पुलिस उपायुक्त अभिनव कुमार ने बताया कि यहां गोलीबारी हुई । हिंसाचार करनेवालों को खोजकर उनपर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अनुसार कार्यवाही की जाएगी । यह हिंसा पूर्वनियोजित थी । इस परिसर में अतिक्रमण कर ४ सहस्रों से अधिक घर बनाए गए हैं । (इतनी बडी संख्या में अनधिकृत घर निर्माण किए जाने तक क्या प्रशासन और पुलिस सोए हुए थे ? अब उनपर ही कार्यवाही क्यों नहीं की जाती ? – संपादक)
#WATCH | Haldwani violence | Uttarakhand: Violence broke out in Banbhoolpura, Haldwani following an anti-encroachment drive today. Police say that several District Administration officials and Police personnel sustained injuries. Visuals from the hospital. pic.twitter.com/C8zyAMF1mv
— ANI (@ANI) February 8, 2024
समान नागरी कानून को लेकर लोगों को भडकाना, यह भी हिंसाचार का एक कारण !
उत्तराखंड में इस घटना के एक दिन पूर्व ही समान नागरी कानून विधानसभा में पारित हुआ । इस कानून का मुसलमानों द्वारा तीव्र विरोध किया जा रहा है । मुसलमानों के धार्मिक नेता सडक पर उतरकर विरोध करने की धमकी दे रहे हैं । साथही सामाजिक माध्यमों द्वारा भी विरोध किया जा रहा है । पीस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कहलाने वाले शादाब चौहान ने मुख्यमंत्री को धमकी दी थी । उसने कहा था, ‘पुष्कर सिंह धामी कान खोलकर सुन लो, भारत के मुसलमानों को अल्लाह के आदेशों के बारे में दूसरे किसी को कुछ बताने का अधिकार नहीं है । आप हमें दुर्बल समझ रहे हों, तो यह आप की भूल है । आप हमारे शक्ति का अनुमान नहीं लगा सकते ।’
उत्तराखंड के भूतपूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने भी कहा था कि, ‘राज्य में अशांति उत्पन्न हो सकती है ।’ देहरादून शहर के काझी (इस्लामी कानून विशेषज्ञ) हम्माद अहमद कासमी ने सडक पर उतरने की घोषणा की थी ।
संपादकीय भूमिका
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