पुणे विद्यापीठ में नाटक में प्रभु श्रीरामजी का अपमान करनेवाले कलाकार छात्रों को ए.बी.वी.पी. ने पीटा ! (Denigration Of Prabhu ShriRam)
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पुणे (महाराष्ट्र) – पुणे विद्यापीठ के ‘ललित कला मंच’ ने २ फरवरी को आयोजित किए एक नाटक में सीतामाता की भूमिका करनेवाला एक पुरुष कलाकार गाली-गलोच करते एवं धूम्रपान करते हुए दिखाया गया है । तथा इसमें प्रभु श्रीराम एवं सीतामाता की भूमिका विदूषक (जोकर) की भांति दिखाई गई है । नाटक चालू था, तब देवी-देवताओं का अपमान सहन न होने से ए.बी.वी.पी. के कार्यकर्ताओं ने यह आपत्तिजनक नाटक रोक दिया । (देवताओं का अपमान रोकनेवाले ए.बी.वी.पी. के कार्यकर्ताओं का अभिनंदन ! – संपादक) साथ ही नाटक में रामायण के प्रसंग अनुचित ढंग से प्रस्तुत करने के प्रकरण में ए.बी.वी.पी. के कार्यकर्ताओं ने नाटक के कलाकारों को पीटा । तदनंतर सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ में पुलिस नियुक्त की गई । ‘ललित कला केंद्र’ के भावेष राजेंद्र नामक छात्र ने इस नाटक का लेखन एवं दिग्दर्शन किया है ।
.@ABVPPune teaches a lesson to the student actors who insulted Prabhu Shri Ram through a play in Savitribai Phule Pune University !
FIR launched against the students, followed by the arrests of the Head of the concerned Department and 6 students!
Unjustifiable denigration… pic.twitter.com/RLl5GXJo5o
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) February 3, 2024
दोषियों पर कार्रवाई करें ! – ए.बी.वी.पी.
‘हिन्दुओं के देवी-देवताओं के प्रति इस प्रकार की भाषा बिल्कुल नहीं चलेगी एवं संबंधित दोषियों पर कार्रवाई की जाए’, ऐसी मांग ए.बी.वी.पी. के शुभंकर बाचल ने की है ।
नाटक का आपत्तिजनक भाग
हर्षवर्धन हरपुडे द्वारा दिए गए परिवाद में कहा है
१. इस नाटक का प्रयोग चालू था, तब सीतामाता का अभिनय करनेवाला लडका व्यासपीठ पर धूम्रपान कर रहा था ।
२. इस नाटक में श्री लक्ष्मणजी रावण की मालिश करते हुए दिखाए गए है ।
३. रावण को देखकर श्रीराम भाग गए एवं ‘राम भागा-भागा’ इस प्रकार तु-तु संबोधित कर श्रीरामजी का उल्लेख किया गया ।
विद्यापीठ के विभाग प्रमुख के साथ ही ६ छात्रों को बंदी बनाया गया !
इस प्रकरण में ए.बी.वी.पी. के परिवाद करने पर पुलिस ने ‘ललित कला केंद्र’ विभाग के प्रमुख सहित ६ छात्रों पर अपराध प्रविष्ट कर उन्हें बंदी बनाया है । विद्यापीठ के विभाग प्रमुख को इस प्रकार बंदी बनाने की यह पहली ही घटना है । पुलिस ने इस प्रकरण में ‘ललित कला केंद्र’ के विभाग प्रमुख डॉ. प्रवीण भोळे, भावेश पाटील, प्रथमेश सावंत आदि के साथ ही अन्य अपरिचित छात्रों के विरुद्ध अपराध प्रविष्ट किया है । तथा सभी अपराधियों को बंदी बनाया है ।
संपादकीय भूमिकाविद्या की नगरी के रूप में जिसकी पहचान है, ऐसे पुणे में कला के नाम पर हिन्दुओं के देवताओं का अपमान होना लज्जाजनक है । देवी-देवताओं का अपमान कर छात्रों को अनुचित मार्ग पर ले जानेवाले इस नाटक के आयोजक एवं संबंधित दोषियों पर कडी कार्रवाई की जाए, तभी बारंबार होनेवाली ऐसी घटनाएं रुकेंगी ! |