Gyanvapi Case Hindus Success : ज्ञानवापी में हिन्दुओं को पूजा करने की पुनः अनुमति !
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श्री. नीलेश कुलकर्णी, विशेष प्रतिनिधि, वाराणसी, उत्तरप्रदेश
वाराणसी, ३१ जनवरी (संवाददाता) – ज्ञानवापी के ‘व्यास’ तलघर में नियमित पूजा करने की अनुमति जिला न्यायालय ने हिन्दुओं को दी है । इस निर्णय के कारण अब प्रत्येक हिन्दू इस तलघर में जाकर दर्शन एवं पूजा कर सकेगा । वर्ष १९९३ से पूर्व यहां नियमित पूजा की जा रही थी; परंतु तत्कालीन सरकार ने इस पर रोक लगाई थी । हिन्दू पक्ष द्वारा अब पूजा करने की मांग की गई थी । अगले ७ दिनों में हिन्दुओं को पूजा करने की व्यवस्था निर्माण करने का आदेश भी न्यायालय ने वाराणसी के जिलाधिकारी को दिया है । न्यायालय के आदेश के उपरांत वर्तमान काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में स्थित नंदी के सामने से व्यास तलघर की ओर जाने का मार्ग बनाया जानेवाला है । वर्तमान में यहां लोहे की बाड लगाई गई है । ‘काशी विश्वनाथ ट्रस्ट’ अंतर्गत तलघर में पूजा की जानेवाली है । ज्ञानवापी में मंदिर तोडकर मस्जिद बनाई गई थी, इसके प्रमाण पुरातत्व विभाग के सर्वेक्षण में उजागर हुए हैं । उसके पश्चात अब पूजा करने की अनुमति मिलने से हिन्दुओं में प्रसन्नता का वातावरण बन गया है ।
Here’s the copy of today’s #Varanasicourt orders instructing the district administration to see that the Pooja in #Gyanvapi premises is resumed within a week#SanatanPrabhatInVaranasi
वाराणसी जिला कोर्ट l व्यास परिवार I ज्ञानवापी#GyanvapiMosque pic.twitter.com/dihUocDIml— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) January 31, 2024
न्यायालय कर निर्णय ऐतिहासिक ! – अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन
हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि, हिन्दुओं का स्वप्न पूर्ण हो गया है । व्यास परिवार अब तलघर में पूजा करनेवाला है । हमने पूजा करने की अनुमति मांगी थी । सोमनाथ व्यास का परिवार वर्ष १९९३ तक तलघर में पूजा करता था । वर्ष १९९३ के पश्चात तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायमसिंह यादव की सरकार के मौखिक आदेश से तलघर की पूजा बंद की गई । इससे संबंधित कोई लिखित आदेश नहीं है । न्यायाधीश के.एम. पांडे ने १ फरवरी १९८६ को श्रीरामजन्मभूमि पर स्थित श्रीराममंदिर के ताले खोलने का निर्णय दिया था । आज के निर्णय की तुलना हम न्यायाधीश पांडे के निर्णय से कर रहे हैं । वाराणसी जिला न्यायालय का निर्णय ऐतिहासिक है । इससे पूर्व सरकारों ने सत्ता का दुरुपयोग कर हिन्दू समाज की पूजा रोकी थी, वह रोक आज न्यायालय ने हटा दी है । इससे आगे अब वजूखाने का (नमाजपठन करने से पूर्व हाथ-पैर धोने का स्थान) सर्वेक्षण करना हमारा लक्ष्य होगा ।
🛑 BIG BREAKING : Huge turning point in #GyanvapiCase as was in the #AyodhyaRamMandir case wherein the court had ordered opening locks to permit pooja
In 1993, the then state government had misused its powers & stopped pooja.
Hindu side will get to perform puja in the… pic.twitter.com/T2gQ88HMEf
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) January 31, 2024
वाराणसी जिला प्रशासन के पास ज्ञानवापी का नियंत्रण
वाराणसी जिला प्रशासन ने २४ जनवरी को ज्ञानवापी के परिसर में दक्षिण की ओर स्थित तलघर का नियंत्रण लिया था । आचार्य वेद व्यास पीठ मंदिर के प्रमुख पुजारी शैलेंद्र कुमार पाठक ने इससे संबंधित अभियोग प्रविष्ट किया था । उसके पश्चात वाराणसी जिला न्यायालय ने ज्ञानवापी के दक्षिण की ओर स्थित तलघर का नियंत्रण वाराणसी जिला दंडाधिकारी को दिया था ।
Hindus rejoice with @Vishnu_Jain1 like never before in their lifetime near #VaranasiCourt
विष्णु शंकर जैन I वाराणसी जिला कोर्ट#अब_काशी_की_बारी
Gyanvapi Mandir Hai #GyanvapiMosque #SanatanPrabhatInVaranasi pic.twitter.com/bpsmSBGUXa— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) January 31, 2024
सेवानिवृत्त होने से पूर्व न्यायाधीश ए.के. विश्वेश का अंतिम आदेश !
जिला न्यायालय के न्यायाधीश ए.के. विश्वेश ने पूजा करने अनुमति का आदेश दिया । न्यायाधीश विश्वेश के जिला न्यायालय के कार्यकाल का आज (३१ जनवरी) अंतिम दिन था । उनका कार्यकाल आज समाप्त होकर वे सेवानिवृत्त हो गए हैं ।
मुसलमान पक्ष ने जिला न्यायालय के इस निर्णय को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती देने की घोषणा की है ।
संपादकीय भूमिकागत ३० वर्षाें से सरकार के केवल मौखिक आदेश से बंद हुई पूजा पुनः प्रारंभ करने के लिए हिन्दुओं को न्यायालय में जाना पडना पश्चात की सरकारों के लिए लज्जाजनक ! पश्चात आनेवाली सरकारों ने मौखिक आदेश देकर पूजा पुनः प्रारंभ क्यों नहीं की ? ऐसा प्रश्न प्रत्येक हिन्दू के मन में उत्पन्न होता है ! |