Muslim Cleric Faces Fatwa : प्राणप्रतिष्ठा समारोह में सम्मिलित हुए मुसलमान नेता के विररुद्ध ´फतवा´ और प्राणांत करने की धमकी !
मुझ पर आक्षेप लेने वाले पाकिस्तान चलते बनें ! – डॉ. इमाम उमर अहमद इलियासी
नई देहली – अयोध्या में २२ जनवरी के दिन हुई श्रीराम लला की प्राणप्रतिष्ठा में ‘ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन’ के प्रमुख डॉ. इमाम उमेर अहमद इलियासी भी उपस्थित थे। इससे कट्टर धर्मांध मुसलमान कुपित हैं एवं उन्हें के प्राणांत करने की की धमकी दी गई तथा उनके विरुद्ध फतवा भी निर्गमित किया गया ।
Death Threats, fatwa issued against Mu$l!m leader who attended the #RamMandirPranPratishtha
Those who take objection to my attending the ceremony should perhaps go to #Pakistan ! – Dr. Imam Umer Ahmed Ilyasi#Secularists, progressives, socialists, and #communists, who always… pic.twitter.com/ZNZgruyujx
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) January 30, 2024
इस पर डॉ. इमाम उमर अहमद इलियासी ने कहा,
१. मैं कहना चाहता हूं कि ये कोई इस्लामिक देश नहीं है.’ ये भारत है। यहां अनेकता में एकता है। यदि ‘मेरे द्वारा दिए गए प्रेम के संदेश से उन्हें कोई कष्ट है ‘ या ´मैं देश के साथ खड़ा हूं’, यह मेरी चूक है तो, वे पाकिस्तान चले जाने के लिए स्वतंत्र हैं ।’ मैंने कोई अपराध नहीं किया है। मैं किसी फतवे को नहीं मानता । मैंने जो कहा मैं उसपर अडिग हूं। मैं झुकूंगा नहीं।
२. मेरे विरुद्ध तिरस्कार का वातावरण निर्माण किया जा रहा है। मेरे और मेरे परिवार के विरुद्ध अपशब्दों का उपयोग किया जा रहा है। हुसैनी कासमी नाम के व्यक्ति ने मेरे विरुद्ध फतवा प्रकाशित किया है। उसमें उन्होंने देशभर के लोगों को मेरा भ्रमण भाष क्रमांक भी दे दिया। उन्होंने कहा, ‘मुझे क्षमायाचना करनी चाहिए एवं पदत्याग करना चाहिए या परिणाम भुगतना ने के लिए तैयार रहना चाहिए।’
३. जब मुझे श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण मिला तो मैंने २ दिन तक इस पर विचार किया और निर्णय लिया कि मुझे इस समारोह में सम्मिलित होना चाहिए। ऐसा करने से देशहित में सद्भाव का वातावरण बनेगा। मुझे यह ज्ञात था कि मेरा विरोध होगा।
४. मुख्य इमाम होने के नाते, मैं समारोह में सम्मिलित हुआ। जब मैं अयोध्या गया तो मेरा स्वागत किया गया। साधु-संतों ने भी मेरा आदर किया । मैंने वहां प्रेम का संदेश दिया।’ मैंने कहा था, ‘हमारी जाति, पंथ, धर्म, पूजा-पाठ अलग-अलग हो सकते हैं; किन्तु सबसे बड़ा धर्म मानवता है। ‘भारत में रहने वाले सभी लोग भारतीय हैं।’
५. हम सभी को अपने भारत को सशक्त बनाना चाहिए। हमारे लिए ‘राष्ट्र सर्वोपरि’ है। आज का संदेश द्वेष भावना को समाप्त करने का है।
संपादकीय भूमिकाध्यान दें कि,जब हिंदुओं को सदैव धर्मांध कह कर विरोध करने वाले धर्मनिरपेक्षतावादी, पुरो(अधो)गामी, समाजवादी और कम्युनिस्ट नेता, इलियासी जैसे अपने ही धार्मिक अनुयायी को धमकी देते हैं, तब वे एक शब्द भी नहीं बोलते हैं ! |