Conspiracy Pannu Murder Issue : निखिल गुप्ता के विरोध में साक्ष्य देने से अमेरिका ने मना किया
गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित हत्या के षड्यंत्र के प्रकरण में निखिल गुप्ता है बंद !
वाशिंगटन (अमेरिका) – ‘सिख फॉर जस्टिस’ इस प्रतिबंधित खालिस्तानी आतंकवादी संगठन का प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित हत्या का षड्यंत्र रचने के आरोप में अमेरिका के आरोप पर यूरोप के चेक गणराज्य देश में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को बंदी बनाया गया है । गुप्ता को अभी तक अमेरिका को सौंपा नहीं गया है । पन्नू की हत्या के षड्यंत्र के आरोप के संदर्भ में अमेरिका की ओर से अभी तक कोई भी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए गए हैं । अमेरिका की सरकार ने गुप्ता के विरोध में साक्ष्य प्रस्तुत करने से मना कर दिया है । ‘गुप्ता को चेक गणराज्य से अमेरिका लाने के उपरांत ही निखिल गुप्ता के विरोध में न्यूयॉर्क के न्यायालय में साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे’, ऐसा अमेरिकी सरकार ने कहा है । निखिल गुप्ता के अधिवक्ता उन्हें अमेरिका ले जाने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं ।
(सौजन्य : The Indian Express)
विदेश मंत्रालय के पूर्व प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया था कि, भारत को गुप्ता का ३ बार ‘काॅन्सुलर एक्सेस’ (बंदी जिस देश का है उसे देश के मुत्सद्दी अथवा अधिकारी कारागृह में जाकर बंदी से मिलने की अनुमति) मिला है ।
US refuses to provide evidence against #NikhilGupta
He is under arrest for the alleged conspiracy to kill #GurpatwantSingh Pannun#NikhilGupta is forcefully being fed pork and beef!#Canada and #America are beads of the same necklace. Both are supporting #Khalistaniterrorists… pic.twitter.com/7akGmHyRNM
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) January 11, 2024
निखिल गुप्ता को बलपूर्वक खाने को दिया जा रहा है सूअर और गाय का मांस !
पिछले माह में निखिल गुप्ता के परिवार ने उच्चतम न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की थी । निखिल गुप्ता को प्राग (चेक गणराज्य) के कारागृह में गैर कानूनी ढंग से रखा गया है । हिन्दू प्रथाओं के विरोध में होने पर भी उन्हें बलपूर्वक सूअर और गाय का मांस खाने को दिया गया । कारागृह के अधिकारियों को बताने पर भी उन्हें शाकाहारी भोजन नहीं मिला ।
संपादकीय भूमिकाकनाडा और अमेरिका एक ही माले के मोती हैं । दोनों ही खालिस्तानी आतंकवादियों का समर्थन कर भारत को ही आरोपी के रूप में दिखा रहे हैं । इन दोनों को भारत द्वारा जैसे को तैसा प्रतिउत्तर दिया जाना चाहिए ! |