हास्यास्पद पश्चिमी शिक्षाप्रणाली !
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘पश्चिमी शिक्षा किसी भी समस्या के मूल कारणों तक, उदा. प्रारब्ध, अनिष्ट शक्ति, कालमहिमा तक नहीं पहुंच पाती । क्षयरोगी को क्षयरोग के जंतु मारनेवाली औषधि न देकर केवल खांसी की औषधि देने की भांति उनके उपाय हैं !’
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक