Pakistan Accuses India : (और इनकी सुनिए..) ‘भारत बलुची आतंकवादियों की वित्तिय सहायता करता है !’ – पाकिस्तान के अस्थायी प्रधानमंत्री अन्वर-उल-हक काकर

  • पाकिस्तान के अस्थायी प्रधानमंत्री अन्वर-उल-हक काकर का भारत पर निरर्थक आरोप !

  • बलुचिस्तान को बांग्लादेश नहीं बनने देंगे, काकर ने किया दावा !

पाकिस्तान के अस्थायी प्रधानमंत्री अन्वर-उल-हक काकर

लाहोर (पाकिस्तान) – पाकिस्तान के अस्थायी प्रधानमंत्री अन्वर-उल-हक काकर ने ऐसा आरोप किया है कि बलुचिस्तान की स्वतंत्रता की मांग करनेवाले आतंकवादियों को भारत और उसका गुप्तचर विभाग ‘रॉ’ द्वारा निधि मिलता है । वे लाहोर के बिजिनेस फॅसिलिटेशन सेंटर में आयोजित पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे । ‘बलुचिस्तान के ९८ प्रतिशत लोग आज भी पाकिस्तान के साथ हैं । यह वर्ष १९७१ नहीं है । बलुचिस्तान कोई बांग्लादेश नहीं, जो पृथक हो जाएगा’, ऐसा वक्तव्य भी उन्होंने भारत को संबोधित करते हुए दिया । वर्तमान में पाकिस्तान में बडी मात्रा में बलुचियों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है । इस परिप्रेक्ष्य में उन्होंने यह वक्तव्य दिया ।

१. प्रधानमंत्री काकर ने आगे कहा कि हमारी लडाई बलुचिस्तान के सशस्त्र संगठनों के विरुद्ध है । बलुचियों के विरुद्ध नहीं । बलुची आंदोलकों को समझना चाहिए कि उनके कुटुंबीय देश के विरुद्ध काम कर रहे थे । विदेशी सहायता से किया हुआ यह सशस्त्र विद्रोह है । भारत में किसी को आई.एस्.आई के पैसों से लडने दो, फिर देखना कि उनकी क्या अवस्था होगी ।

२. बलुचिस्तान में २३ नवंबर को पाकिस्तान के आतंकवादविरोधी विभाग ने की कार्यवाही में ४ संदेहास्पद आतंकवादियों को मार दिया था । इसमें मौला बक्श नामक बलुची युवक भी था । इस बात को लेकर पाकिस्तान में बडा आंदोलन आरंभ हुआ । लोगों ने बलुचिस्तान से इस्लामाबाद तक १ सहस्र ६०० कि.मी. दूरी का लंबा मार्च निकाला । आतंकवादविरोधी विभाग की ओर से शस्त्रास्त्र अधिग्रहित किए जाने की तथा उनके नियंत्रण में विद्यमान बलुचियों की मुक्तता करने की मांग लोगों ने की । काकर भी बलुचिस्तानी होने से उनकी इस प्रकरण में आलोचना की जा रही है ।


क्या है बलुचिस्तान प्रकरण ?

बलुचिस्तान, पाकिस्तान का एक प्रांत है । उसकी राजधानी क्वेटा है । इसकी सीमाएं ईरान और अफगाणिस्तान से सटी हुई हैं । सोना, तांबा तथा अन्य खनिज पदार्थाें की खदानें इस प्रांत में हैं । इससे पाकिस्तान का प्रचंड लाभ होता है । बलुचिस्तान के लोगों का कहना है कि इस प्रदेश से इतना लाभ लेकर भी पाकिस्तान सरकार यहां के लोगों के किए कुछ नहीं करती । बलुचिस्तान की जनता वर्ष १९४८ से पाकिस्तान सरकार के विरोध में है । वह पाकिस्तान से स्वतंत्र होने की मांग कर रही है । वह ‘बलुच नैशनल मुवमेंट’ नामक आंदोलन चला रही है । बलुचिस्तान को पाकिस्तान से मुक्त करना उनका उद्देश्य है । १९७० के दशक में ‘बलुच लिबरेशन आर्मी’ स्थापित हुई । साथही ‘माजिद ब्रिगेड’ भी २०११ में स्थापित हुई । कराची स्टॉक एक्सचेंज और ग्वादर के आक्रमण में माजिद ब्रिगेड का नाम सामने आया है ।

संपादकीय भूमिका 

  • पाकिस्तान की निर्मिति हुई, तब बलुचिस्तान पाकिस्तान का भाग नहीं था । पाकिस्तान ने उसपर आक्रमण कर उसे नियंत्रण में लिया । पूरा संसार जानता है कि, ‘वहां के लोग स्वतंत्रता के लिए पीछले ७५ वर्षाें से आंदोलन कर रहे हैं ।’ ऐसा होते हुए भी आंदोलकों को ‘आतंकवादी’ संबोधित करना तथा उनकी सहायता करने का भारत पर आरोप लगाना, यह पाकिस्तान का भारतद्वेष है !
  • बलुचिस्तान का बांग्लादेश नहीं, अपितु आगामी २-३ वर्षाें में पाकिस्तान के ही ४ टुकडे होनेवाले हैं, यह वास्तव उनके नेता भी जानते है; परंतु देश की जनता को अंधेरे में रखने का वे प्रयत्न कर रहे हैं !