राष्ट्र-धर्म लेख 01 January 2024 00:11:05 ‘सनातन प्रभात’ की यात्रा के कुछ विशेष क्षणों के छायाचित्र ! नियतकालिक व्याकरण की दृष्टि से अचूक होने के लिए शुद्धलेखन का अभ्यास करते हुए तत्कालीन साधक ! (वर्ष १९९९) सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी को समाचार को दिया दृष्टिकोण दिखाते डॉ. दुर्गेश सामंत ! (वर्ष १९९९) दैनिक के रत्नागिरी संस्करण के प्रकाशन समारोह में सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी (वर्ष १९९९) दैनिक ‘सनातन प्रभात’ आरंभ होने के पूर्व वितरण व्यवस्था का ढांचा देखते हुए सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी, (बाएं से) श्री. अशोक मराठे, डॉ. दुर्गेश सामंत एवं श्री. प्रकाश जोशी (२१.३.१९९९) ‘न्यूजमेकर्स’ संस्था की ओर से दिए गए ‘सर्वाेत्तम मराठी दैनिक’ पुरस्कार के साथ तत्कालीन समूह संपादक पू. पृथ्वीराज हजारे (वर्ष २०१२) गोवा-सिंधुदुर्ग संस्करण की वर्षगांठ पर लगाई ‘सनातन प्रभात’ की प्रदर्शनी एवं ‘सनातन प्रभात’ को प्राप्त हुए पुरस्कार देखते हुए परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी (वर्ष २०१५) क्रांतिवीर बडवे शौर्य पुरस्कार (वर्ष २००६), सनातन धर्म-प्रहरी पुरस्कार (वर्ष २००६), पु.भा. भावे पत्रकारिता सन्मान (वर्ष २००८) Latest Articles ‘डीप स्टेट’ का नया मोहरा ‘सोनम वांगचुक’ !वास्तुशास्त्र (भवन-निर्माण शास्त्र)हिन्दू राष्ट्र-स्थापना हेतु हिन्दुओं को सक्रिय करनेवाली ‘हिन्दू जनजागृति समिति’ का बढता कार्य !देवतातत्त्व आकृष्ट करनेवाली सनातन-निर्मित सात्त्विक रंगोलियां तथा सात्त्विक चित्रों में देवताओं के यंत्र की भांति सकारात्मक ऊर्जा (चैतन्य) होना