युवाओं ने जाना अध्यात्म का महत्त्व
महेश्वर (मध्य प्रदेश) – अद्वैत यूथ क्लब व सप्तमातृका आश्रम ने नर्मदा तट पर तीन दिवसीय युवा जागरण शिविर का आयोजन किया था । शिविर में पूज्य संतश्री स्वामी समानंदगिरिजी व स्वामी आशुतोष भारतीजी का सान्निध्य शिविरार्थियों को मिला । शिविरार्थियों से वैदिक दिनचर्या का पालन करवाकर उन्हें सनातन धर्म-संस्कृति के महत्त्व से अवगत करवाया गया । शिविर के माध्यम से युवाओं ने अध्यात्म का महत्त्व जाना ।
संतों ने विभिन्न विषयों पर युवाओं का मार्गदर्शन किया । आशुतोष स्वामीजी के माध्यम से वेदांत के सिद्धांतों के बारे में जानने को मिला । शिविर में स्वामी समानंदगिरिजी ने बताया कि ईश्वरीय तत्व को जानकर ब्रह्म में विलीन हो जाना ही मनुष्य का अंतिम उद्देश्य होना चाहिए ।
स्वामीजी ने धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष के बारे में भी रुचिकर तरीके से बताया ।
शिविरार्थियों का अभिमत – अध्यात्म अध्ययन से अधिक अनुभूति का विषय है । नर्मदा तट पर बैठकर सनातन के प्रवाह को समझने का अवसर मिलना सौभाग्य की बात है ।