MP Suspended : अब तक विरोधी दलों के १४१ सांसद निलंबित !
संसद का शीतकालीन अधिवेशन
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नई देहली – संसद के शीतकालीन अधिवेशन के १२ वे दिन १९ दिसंबर को विरोधी दलों के सांसदों के निलंबन को लेकर दोनों सभागृहों में हंगाम मच गया । सांसदों ने सदन के भीतर तथा सभागृह के प्रवेश द्वार पर, साथही परिसर में भी नारेबाजी की । इसलिए ४९ विरोधी सांसदों को लोकसभा से निलंबित किया गया । अब कुल १४१ सांसदों को निलंबित किया गया है । इतना ही नहीं, अपितु लोकसभा की प्रश्न सूचि से निलंबित सांसदों द्वारा पूछे गए २७ प्रश्न हटाए गए हैं ।
Lok Sabha Speaker Om Birla criticised opposition for politicisation of Parliament Security breach.
— News Arena India (@NewsArenaIndia) December 18, 2023
१. राज्यसभा में कुल २४५ सांसद हैं । इनमें भाजपा और उसके मित्र दल के १०५, तर ‘इंडी’ मोर्चा के ६४ और अन्य ७६ सांसद समाविष्ट हैं । इनमें से ६२ विरोधी सांसदों को निलंबित किया गया है ।
#WATCH TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने संसद परिसर में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की नकल की। pic.twitter.com/nKlYPPCGiC
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 19, 2023
२. लोकसभा में सांसदों की वर्तमान संख्या ५३८ है । इसमें सरकार के ३२९, ‘इंडी’ मोर्चा के १४२, तो अन्य दलों के ६७ सांसद हैं । इनमें से ७९ विरोधी सांसदों को निलंबित किया गया है ।
संसद भवन में घटी कुछ महत्त्वपूर्ण गतिविधियां इस प्रकार हैं… !
- तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने संसद भवन के प्रवेश द्वार पर राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड की नकल की । इस समय राहुल गांधी सहित अनेक विरोधी दलों के नेता उपस्थित थे । इस विषय में धनखड ने संसद भवन में अप्रसन्नता व्यक्त की ।
#WATCH टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा राज्यसभा सभापति की नकल करने और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा घटना का वीडियो बनाने पर जगदीप धनखड़ ने कहा, “गिरावट की कोई हद नहीं है…मैं यही कहूंगा कि उन्हें सद्बुद्धि आए…” pic.twitter.com/eAwivnw5F0
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 19, 2023
- विरोधी दलों के नेताओं ने ‘मोदी मुर्दाबाद’, ‘तानाशाही मुर्दाबाद’ और ‘मोदी सरकार मुर्दाबाद’ के नारे लगाए ।
- ज्येष्ठ पत्रकार और राजनीतिज्ञ के. विक्रम राव के मतानुसार एक ही दिन में इतनी बडी संख्या में सदस्यों को संसद से निलंबित करने की पहली ही घटना है ।
- सभापति ओम बिर्ला ने कहा कि संसद की सुरक्षा के संदर्भ में उच्चस्तरीय जांच हो रही है । इस प्रकरण में जांच समिति का गठन किया गया है । इस घटना के संदर्भ में राजनीति होना दुर्भाग्यपूर्ण बात है । लोकतांत्रिक पद्धति से ही सभागृह में चर्चा होनी चाहिए ।
संपादकीय भूमिकासंसार के सामने भारतीय लोकतंत्र का उपहास किए जाने का और एक उदाहरण ! सुरक्षा व्यवस्था की न्यूनताओं में सुधार करने के लिए एकत्रित प्रयत्न करना आवश्यक होते हुए भी इसपर राजनीति करना विरोधी दलों के सांसदों को लज्जास्पद ! |