भगोडे आरोपी ललित झा ने किया आत्मसमर्पण !

  • लोकसभा में घुसपैठ का गंभीर प्रकरण 

  • ललित ने चार आरोपियों के भ्रमणभाष जलाकर साक्ष्य (सबूत) नष्ट कर डाले !

आरोपी ललित झा

नई देहली – लोकसभा में घुसपैठ प्रकरण में आरोपी ललित झा ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया । जब पुलिस ने उसे बंदी बनाकर न्यायालय में उपस्थित किया तब न्यायालय ने उसे १ सप्ताह तक पुलिस अभिरक्षा में रखने का आदेश दिया । घटना के समय ललित झा संसद परिसर के बाहर उपस्थित था । उसने अन्य ४ आरोपियों के भ्रमणभाष अपने पास रख लिए थे । घटना के उपरांत वह ये सभी भ्रमणभाष लेकर भाग गया था । देहली पुलिस की जांच रहते हुए यह घटना कैसे घटी ? भागने के उपरांत ललित ने इन सभी भ्रमणभाषों को जलाकर साक्षय (सबूत) नष्ट कर डाले हैं । इस घटना की जांच के अंतर्गत देहली पुलिस आरोपियों को १-२ दिन में संसद भवन ले जाएगी तथा पुन: अपराध दृश्य का निर्माण कर वास्तव में यह घटना कैसे हुई, यह समझेगी ।

गुरुग्राम से बंदी बनाए गए आरोपी विशाल शर्मा ने पूछताछ में बताया कि किसी आतंकी संगठन से उसका कोई संबंध नहीं है । वह डेढ वर्ष से संसद में घुसपैठ का षड्यंत्र रच रहा था । आरोपी ललित घटना के वास्तविक चलचित्र को फेसबुक पर सीधा प्रसारित करना चाहता था । देहली पुलिस ने माननीय न्यायालय को जानकारी दी कि आरोपियों के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध आपत्तिजनक पर्चे भी मिले थे ।

लोकसभा में घुसपैठ के लिए बनाई गई थी दो योजनाएं !

आरोपियों ने लोकसभा में घुसपैठ के लिए २ योजनाएं बनाई थीं । ललित झा ने पुलिस पूछताछ में बताया कि यदि पहली योजना सफल नहीं होती तो उसके पास वैकल्पिक योजना लागू करने की योजना भी तैयार थी । ललित झा ने पुलिस को बताया कि यदि नीलम तथा अमोल योजना के अनुसार संसद के समीप नहीं पहुंच सके होते तो हमने दूसरी ओर से महेश तथा कैलाश को संसद परिसर में भेजने का निर्णय ले रखा था । उसके अनुसार वे समाचार माध्यम के समक्ष ‘कलर स्मोक ट्यूब’ फोडेंगे तथा घोषणाएं करेंगे; किंतु महेश एवं कैलाश विक्की के गुरुग्राम स्थित घर नहीं पहुंच सके । अत: हमने पहली योजना के अनुसार अमोल तथा नीलम को संसद परिसर में भेजने का निर्णय लिया । दोनों को अपने निर्धारित कार्य को किसी भी परिस्थिति में संपन्न करने का निर्देश दिया गया था ।

संपादकीय भूमिका 

सरकार को इन सभी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करनी चाहिए तथा गहन अन्वेषण कर तथ्य जनता के समक्ष लाना चाहिए, कि इस षड्यंत्र का वास्तविक सूत्रधार कौन है ?