२ लोगों ने दर्शक दीर्घा से लोकसभा में छलांग लगाकर छोडा रंगीन धुआं !

  • संसद की सुरक्षा में बडी चूक !

  • अन्य दो लोगों ने संसद के बाहर भी छोडा धुआं

  • कुल ६ लोगों ने रचा था षड्‌यंत्र : चार लोगों को बंदी बनाया गया

नई देहली – १३ दिसंबर को संसद का शीतकालीन सत्र चलते समय लोकसभा में दर्शक दीर्घा से दो लोग कूदकर संसद में आ गए । उन्होंने अपने जूते में छुपाए हुए रंगीन धुआं छोडनेवाला पाउडर बाहर निकाला । इस कारण सभागृह में पीले रंग का धुआं फैल गया । सांसदों ने इन दोनों को पकडकर पिटाई की । इसके उपरांत सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें पकडकर पुलिस को सौंप दिया । इस घटना के कारण सभागृह का काम दोपहर २ बजे तक स्थगित रखना पडा । लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिडला ने सदस्यों को आश्वासन दिया है कि इस घटना की पूरी जानकारी सभागृह में प्रस्तुत की जाएगी । इस कृत्य के पीछे आरोपियों का क्या उद्देश्य है, यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है । १३ दिसंबर २००१ को संसद के बाहर जिहादी आतंकियों ने आक्रमण किया था । उसी दिनांक को इसकी पुनरावृत्ति होने के पीछे क्या संदर्भ है ? इसकी भी जांच की जा रही है ।

(सौजन्य : The Indian Express) 

लगभग दोपहर साढे बारह बजे यह घटना हुई । तब संसद में प्रश्‍नोत्तर सत्र चल रहा था । छलांग लगाने के पश्चात वे सदस्यों की कुर्सियों से कूदते हुए अध्यक्ष की कुरसी की ओर जा रहे थे । उसी समय उन्होंने पाउडर द्वारा धुआं छोडा । इसके उपरांत उनको पकडा गया ।

संसद के बाहर भी दोनों ने धुआं छोडा !

लोकसभा की घटना होने से पूर्व संसद के बाहर भी दो लोगों द्वारा ‘कलर स्मोक ट्यूब’ से पीले रंग का धुआं छोडा गया था । सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें भी पकडकर पुलिस के नियंत्रण में सौंप दिया है । सामने आया है कि लोकसभा में छलांग लगाकर धुआं छोडनेवाले एवं बाहर धुआं छोडनेवाले, इस प्रकार ४ लोग एक-दूसरे के संपर्क में थे । प्राथमिक अन्वेषण द्वारा सामने आया है कि वे सामाजिक माध्यम द्वारा आपसी संपर्क में थे एवं उसी से उन्होंने इस घटना का षड्‌यंत्र रचा था । इसमें एक महिला भी सम्मिलित है एवं वह घोषणा कर रही थी, ‘तानाशाही नहीं चलेगी ।’

कौन हैं आरोपी ?

लोकसभा में छलांग लगानेवालों के नाम हैं, सागर शर्मा एवं मनोरंजन । इन दोनों को कर्नाटक भाजपा के सांसद प्रताप सिंह ने पत्र द्वारा संसद के दर्शक दीर्घा में बैठने का पास दिया था । उनमें  मनोरंजन कर्नाटक से, जबकि सागर शर्मा लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) निवासी हैं । इन दोनों के पास अपने चल-दूरभाष, बैग अथवा अपने पहचानपत्र नहीं थे ।

संसद के बाहर धुआं छोडनेवालों के नाम अमोल शिंदे एवं नीलम सिंह हैं । अमोल महाराष्ट्र के लातूर से तो नीलम सिंह नामक महिला हरियाणा के हिसार से हैं । इन चारों के साथ दो भी लोग भी षड्‌यंत्र में सहभागी हैं । उनमें से ललित झा नामक व्यक्ति ५ वां आरोपी है, परंतु छठे आरोपी की पहचान अभी तक नहीं मिली है । इन ६ लोगों में से ५ लोग देहली से बाहर के हैं । वे सभी १२ दिसंबर को गुरुग्राम (हरियाणा) में ललित झा के घर रुके थे । इसके उपरांत १३ दिसंबर को वे देहली में संसद भवन के निकट पहुंचे । अभीतक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस कृत्य के पीछे उनका क्या उद्देश्य था । उन्होंने घटना के समय किसी भी प्रकार की घोषणा नहीं की थी तथा  कोई पत्रक भी नहीं फेंका था । पुलिस शेष दो लोगों को ढूंढ रही है ।

१५ दिन पूर्व मिली थी आक्रमण की जानकारी ! – कांग्रेस

लोकसभा के विरोधी पक्ष नेता अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया है कि संसद पर आक्रमण होने की छुपी जानकारी १५ दिन पूर्व ही मिली थी ।

‘कलर स्मोक ट्यूब’ का प्रयोग कहां किया जाता है ?

दीपावली अथवा विवाह के अवसर पर छायाचित्र खींचने के लिए ‘कलर स्मोक ट्यूब’ का प्रयोग धडल्ले से किया जाता है । इस ट्यूब में रंग भरा होता है एवं वह खोलने के उपरांत रंगीन धुआं बाहर निकलता है । ट्यूब का आकार छोटे पाईप जैसा होता है एवं न्यूनतम २-३ घंटे धुआं बाहर निकल सकता है । इससे किसी भी प्रकार की जीव हानि नहीं होती ।

संपादकीय भूमिका 

  • भारत के अत्याधुनिक संसद की सुरक्षा की चरमराई स्थिति ! यदि रंगीन धुएं की अपेक्षा विषैला धुआं छोडा जाता, तो क्या स्थिति होती ? इसकी कल्पना कर सकते हैं !
  • संसद पर किए आक्रमण के २२ वें स्मृति दिवस पर ही ऐसी घटना होना, सुरक्षातंत्रों लिए लज्जाजनक !