देहली की सुगम गायिका श्रीमती सुमन देवगण ने किया महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय के शोधकेंद्र का अवलोकन !
फोंडा (गोवा) – देहली की सुगम गायिका श्रीमती सुमन देवगण ने २७.११.२०२३ को महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय के शोधकेंद्र का अवलोकन किया । इस अवसर पर महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय की संगीत समन्वयक सुश्री (कु.) तेजल पात्रीकर ने उन्हें महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय के कार्य के विषय में विस्तार से जानकारी दी, साथ ही श्री. आशीष सावंत ने उन्हें विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न क्षेत्र में किए जा रहे शोधकार्य की जानकारी दी ।
महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय का समग्र कार्य देखकर उन्होंने अपना मनोगत व्यक्त करते हुए कहा, ‘गुरुदेवजी (सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी) आज के समय के लिए आवश्यक कार्य ही कर रहे हैं, जिसकी आज की पीढी के लिए बहुत आवश्यकता है ।’
शोधकेंद्र में समाहित सकारात्मक ऊर्जा एवं सात्त्विकता का अनुभव करने पर उन्होंने कहा, ‘‘जिस समय हम संगीत सीख रहे थे, उस समय गुरु के जिस कक्ष में हम सीखते थे, वहां गायन का निरंतर अभ्यास करने से वहां सकारात्मक स्पंदन उत्पन्न होकर और अच्छा लगता था । ऐसे स्थान पर स्वर लगाते समय भिन्न दैवीयता प्रतीत होती थी; परंतु इस शोध केंद्र का प्रत्येक कोना ही सात्त्विक है । इसलिए इस वास्तु में कहीं भी सुर लगाने पर, उसी सात्त्विकता एवं दैवीयता का अनुभव होगा, ऐसा मुझे लगता है ।’’
– सुश्री (कु.) तेजल पात्रीकर, संगीत समन्वयक, महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय, गोवा.
श्रीमती सुमन देवगण का परिचयदेहली की श्रीमती सुमन देवगण सुगम संगीत गानेवाली गायिका हैं । गजलें, सूफी संगीत, ठुमरी एवं दादरा की गायकी उनकी विशेषता है । वे संगीत नाटक एकादमी की मान्यताप्राप्त कलाकार हैं । देश-विदेश में उनके गायन के कार्यक्रम हो चुके हैं । उन्होंने पद्मश्री उस्ताद हाफिज अहमद खां से शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ग्रहण की, सुगम संगीत में समाहित ठुमरी एवं दादरा की शिक्षा विदुषी नैनादेवी से ग्रहण की । उन्होंने दूरदर्शन पर प्रसारित अनेक धारावाहिकों तथा कुछ फिल्मों के लिए भी पार्श्वगायन किया है । उन्हें अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है । |