खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या का षड्यंत्र रचने के आरोप में भारतीय नागरिक बंदी !

  • अमेरिका की कार्रवाई !

  • अमेरिका का दावा है कि एक भारतीय अधिकारी ने पन्नू की हत्या का आदेश दिया था

न्यूयॉर्क (यू.एस.ए.) – अमेरिकी पुलिस ने खालिस्तानी आतंकवादी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ के अमेरिका स्थित प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के प्रयास के प्रकरण में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को बंदी बनाया है । गुप्ता पर हत्या के लिए एक भारतीय अधिकारी द्वारा सुपारी देने का आरोप लगाया गया है । इस अधिकारी का नाम अभी सामने नहीं आया है । कुछ दिन पूर्व अमेरिकी सरकार ने पन्नू पर न्यूयॉर्क में जानलेवा आक्रमण करने क षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया था । इसमें भारत का हाथ था । इस षड्यंत्र को निष्प्रभावी कर दिया गया । ‘यह आक्रमण किस दिन होगा ?’ यह नहीं बताया गया । भारत भी इसकी जांच के लिए तैयार हो गया था । जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के उपरांत अमेरिकी अधिकारियों ने भारत के सामने यह सूत्र प्रस्तुत किया था ।

१. २९ नवंबर को न्यूयॉर्क में निखिल गुप्ता के विरुद्ध प्रविष्ट किए गए आरोप पत्र से यह बात सामने आई है । उन पर हत्या का षड्यंत्र रचने तथा पैसे लेकर हत्या का प्रयास करने का आरोप लगाया गया है । आरोप पत्र में १०० डॉलर का भी उल्लेख है । यह राशि गुप्ता को अग्रिम दी गई थी । आरोप पत्र में भारतीय अधिकारी को ‘सीसी-१’ कहा गया है । इसके अनुसार सीसी-१ भारत सरकार की एक संस्था का कर्मचारी है, जिसने अनेक बार स्वयं को ‘सीनियर फील्ड ऑफिसर’ बताया है । इसमें कहा गया है, ‘यह अधिकारी सुरक्षा प्रबंधन तथा गुप्तचर विभाग का प्रभारी अधिकारी है ।’

२. ५२ वर्षीय निखिल गुप्ता पहले मादक पदार्थों व शस्त्रों की अंतरराष्ट्रीय तस्करी में लिप्त था । चेक गणराज्य में अधिकारियों को षड्यंत्र के संबंध में सूचित करने के उपरांत ३० जून को निखिल को बंदी बना लिया गया था एवं तदुपरांत अमेरिका को षड्यंत्र के संबंध में ज्ञात होने के उपरांत संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रत्यर्पित किया गया था । इस प्रकरण में निखिल को १० वर्ष के कारावास दंड हुआ था ।

३. निखिल गुप्ता हत्यारे को १ लाख अमेरिकी डॉलर देने पर सहमत हुआ । इसमें से १५ सहस्त्र का भुगतान कर दिया गया ।

षड्यंत्र का स्वरूप ?

एक भारतीय अधिकारी के आदेश पर, निखिल ने पन्नू को मारने के लिए एक अपराधी से संपर्क किया; किंतु वास्तव में अपराधी अमेरिकी बिचौलिया (दलाल) था । इस बिचौलिये (दलाल) ने निखिल को एक अन्य गुप्तचर अधिकारी से मिलवाया जो हत्या करने के लिए तैयार हुआ । इसके लिए लगभग ८३ लाख रुपए का सौदा (डील) हुआ था । उसके उपरांत भारतीय अधिकारी ‘सीसी-१’ ने गुप्ता को पन्नू के न्यूयॉर्क स्थित घर का पता, दूरभाष क्रमांक एवं दिनचर्या की पूरी जानकारी दी । निखिल गुप्ता ने हत्यारे से शीघ्रातिशीघ्र कार्य पूर्ण करने को कहा । तथापि उससे कहा गया था कि उन दिनांकों (तिथियों)को हत्या न करे जिन पर भारत तथा अमेरिका के अधिकारियों के मध्य उच्च-स्तरीय बैठक होनी थी । इसी समय प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका गए ।

गुप्ता ने हत्यारे को सूचित किया था कि हरदीप सिंह निज्जर भी उसकी सूची में है । कनाडा में उसकी हत्या के उपरांत सीसी-१ ने पन्नू से संबंधित एक सूचना गुप्ता को भेजी थी । इसमें भारतीय अधिकारी ने कहा था कि अब उसे मारना प्राथमिकता है ।

भारत का स्पष्टीकरण 

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची

इस प्रकरण में भारत ने स्पष्टीकरण दिया है । भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पत्रकार परिषद में कहा कि भारत इन आरोपों को गंभीरता से ले रहा है । अमेरिका के एक न्यायालय में भारतीय अधिकारी से संबंध जोडते हुए उसका प्रकरण प्रविष्ट किया गया है, जो चिंता का विषय है । यह भारत सरकार की नीतियों के विरुद्ध है । अमेरिका के साथ द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग समझौते के अनुसार दोनों देशों ने एक-दूसरे को जानकारी दी है । हमने इस जानकारी को गंभीरता से लिया है । इसलिए हमने एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की है ।’

संपादकीय भूमिका 

आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू गत कुछ वर्षों से भारत विरोधी वक्तव्य देता रहा है । आए दिन वह भारत में आतंकी गतिविधियां करने की धमकियां देता रहता है । क्या अमेरिका को ये दृष्टिगत नहीं होता ? अमेरिका उसके विरुद्ध कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा ? यह भारत के प्रति अमेरिका के दोहरे मापदंड को दर्शाता है । यह ध्यान में रखना होगा, क्योंकि ऐसे चरित्र वाले अमेरिका पर भारत को भरोसा करना आत्महत्या करने जैसा है !