बाबा बौख नाग देवता मंदिर हटाते ही सुरंग पर संकट बडा आया !
उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे ४१ श्रमिक एवं उनके सुरक्षित बाहर निकलने का प्रकरण
उत्तरकाशी (उत्तराखंड) – यहां सिल्कियारा सुरंग में फंसे ४१ श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया । सुरंग का एक भाग ध्वस्त हो जाने के कारण गत १७ दिनों से अंदर फंसे ४१ श्रमिकों को २८ नवंबर को देर संध्या समय चरणबद्ध पद्धति से बाहर निकाला गया । १७ दिनों के उपरांत श्रमिकों के परिवारों ने उन्हें बाहर निकलता देख संतुष्टि की सांस ली । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन श्रमिकों से भेंट की । इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री जेनरल (सेवानिवृत्त) वी.के. सिंह भी वहां उपस्थित थे । धामी ने बचाव कार्य में लगे कर्मियों एवं जवानों के मनोबल एवं साहस की प्रशंसा की । स्थानीय लोगों का कहना है कि यह दुर्घटना बाबा बौख नाग देवता के कुपित होने के कारण हुई है ।
स्थानीय लोगों का मानना है कि बाबा बौख नाग देवता कुपित हैं !
दिवाली से कुछ दिन पूर्व सुरंग निर्माण करने वाले प्रतिष्ठान ने बाबा बौख नाग देवता के मंदिर को तोड दिया था । उसके बदले में सुरंग निर्माण प्रतिष्ठान ने सुरंग के समीप देवता का एक मंदिर बनाने का संकल्प किया था; किंतु वर्ष २०१९ के उपरांत अब तक मंदिर का निर्माण नहीं हो सका है । इसके साथ ही निर्माण प्रतिष्ठान ने ग्रामीणों द्वारा बनाए गए छोटे मंदिर को भी तोड दिया । स्थानीय नागरिकों ने अनेक बार इसकी स्मृति दिलाई गई; किंतु उनकी बात को दुर्लक्षित कर दिया गया । उसके उपरांत ही यह दुर्घटना हुई । स्थानीय लोगों का कहना है कि ये भगवान का प्रकोप है !
पुजारी ने श्रमिकों की मुक्ति के लिए प्रार्थना की !
श्रमिकों को निकालने की सभी व्यवस्थाएं विफल होने के उपरांत सुरंग निर्माण प्रतिष्ठान के अधिकारियों ने बाबा बौख नाग देवता के पुजारी से भेंट की एवं उनसे क्षमा याचना की तथा उनसे पूजा करने का अनुरोध किया । पुजारी गणेश प्रसाद बिजलवान ने सुरंग में पूजा-अर्चना करके शंख नाद किया । उन्होंने श्रमिकों की मुक्ति के प्रयत्नों की सफलता के लिए प्रार्थना की ।
मंदिर न तोडने का सुझाव दिया था !
सिल्कियारागांव के ४० वर्षीय धनवीर चंद रामोला ने कहा, परियोजना आरंभ होने से पूर्व, सुरंग के मुख के समीप एक छोटा मंदिर बनाया गया था । अधिकारी एवं कर्मचारी स्थानीय देवता से प्रार्थना करने के उपरांत सुरंग में प्रवेश करते थे तथापि निर्माण प्रबंधन ने कुछ दिन पूर्व मंदिर को सुरंग निर्माण संस्था ने हटा दिया था और लोगों का विश्वास है कि उसी कारण यह दुर्घटना हुई है ।
स्थानीय देवता का एक छोटा मंदिर बनाने की परंपरा है !
एक अन्य ग्रामीण राकेश नौटियाल ने कहा, ‘हमने निर्माण संस्था ने कहा था कि वे मंदिर को न तोडें, न ही समीप में दूसरा बनाएं; किंतु प्रतिष्ठान के अधिकारियों ने हमारी चेतावनी को अंधविश्वासी बताकर अस्वीकार कर दिया ।’ किंतु सुरंग में कोई भी श्रमिक नहीं फंसा तथा कोई अन्य हानि नहीं हुई ।’
मुख्यमंत्री धामी एवं विदेशी विशेषज्ञों ने की पूजा
बाबा बौख नाग देवता के क्रोधित होने की जानकारी प्राप्त होने के उपरांत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा विदेश से आए अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सुरंग विशेषज्ञ अर्नाल्ड डिक्स ने बाबा बौख नाग देवता की पूजा की ।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी किया प्रार्थना का आह्वान !
२७ नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से सुरंग में फंसे श्रमिकों की सुरक्षित मुक्ति के लिए प्रार्थना करने का आवाहन किया था ।
संपादकीय भूमिकाबुद्धिप्रामाण्यवादियों का इस संबंध में क्या कहना है ? |