हिन्दुओं के पुनरुत्थान हेतु आयोजित ’विश्व हिन्दू कांग्रेस’ में उद़्बोधक विचार !
हिन्दू धर्म के अस्तित्व के लिए राजनीति में निरंतरता आवश्यक ! – रश्मि सामंत, हिन्दुत्वनिष्ठ युवा नेता
बैंकॉक (थाईलैंड) – रश्मि सामंत जिन्हें हिन्दू होने के कारण ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में छात्र संघ का अध्यक्ष पद छोेडना पडा, वह भी ’विश्व हिंदू कांग्रेस’ में सम्मिलित हुईं । युवा नेता सामंत ने इस अवसर पर कहा कि विश्व में १ अरब २० करोड़ हिन्दू हैं तथा वे १९० अलग-अलग देशों में रह रहे हैं । हम प्रत्येक देश के प्रसिद्ध अर्थात राष्ट्रहित के लिए प्रभावी ढंग से काम करने वाले पहले १० प्रतिशत समाज का भाग हैं । हम उस देश की अर्थव्यवस्था, शिक्षा तथा अन्य सभी क्षेत्रों में अपना भरपूर योगदान दे रहे हैं । हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए राजनीति सदैव अपरिहार्य है ।
(सौजन्य : Organiser Weekly)
सामंत ने आगे कहा कि,
१. हमने इतिहास में भी कई महान कार्य किए हैं । केवल भारत का स्वतंत्रता संग्राम ही नहीं, तो दक्षिण अफ्रीका में अश्वेतों पर अन्याय के विरुद्ध कार्य हो अथवा श्रीलंका का स्वतंत्रता संग्राम हो । ऐसे होते हुए भी, जिन हिन्दुओं के कारण यह देश खडा रहा, उन्हीं हिन्दुओं को किनारे कर दिया गया । मलेशिया से फिजी तक तथा त्रिनिदाद से गुयाना तक, देशों की सूची लंबी है । पाकिस्तान, अफगानिस्तान तथा बांग्लादेश में राजनीतिक प्रतिक्रिया हमारे लिए सबसे चौंकाने वाली बात है । अगर हम इन सभी देशों के उदाहरण देखें तो हमें बोध होगा कि यदि राजनीतिक स्तर पर हिन्दू पीछे हट गए तो क्या हो सकता है !
२. पूरे विश्व में हमारे पास अतुलनीय कौशल वाले हिन्दू हैं । हमारी एक निश्चित कार्य प्रणाली है, जिसके आधार पर अनेक हिन्दू राजनीतिक क्षेत्र में सर्वोच्च पदों पर पहुंचे हैं; लेकिन एक बार जब उनका राजनीतिक जीवन समाप्त हो जाता है, तो हिन्दू प्रतिनिधित्व के बिना बहुत समय व्यर्थ ही बीत जाता है । इससे उन देशों में हिन्दू समाज की स्थिति विकट होती जाती है । इसलिए राजनीतिक स्तर पर हमारी कार्यप्रणाली होना अत्यंत आवश्यक है ।
हिन्दुओं के लिए राजनीति अपरिहार्य है, यह जान लें ! – रश्मि सामंतराजनीति के प्रति उदासीनता हिन्दुओं में सामान्य है । महाभारत के समय अर्जुन भी इससे नहीं बच पाए थे । ठीक युद्ध के समय अर्जुन ने अपने हाथ के शस्त्र नीचे रख दिए थे । उनका मानना था कि राजनीति अप्रासंगिक है । इस बात को लेकर उसके मन में संभ्रम उत्पन्न हो गया था । भगवान श्रीकृष्ण के उपदेश के उपरांत ही उनका संभ्रम दूर हुआ तथा वह पुन: युद्ध करने के लिए तैयार हो गया । हमें भी इससे बोध लेना चाहिए तथा समझना चाहिए कि राजनीति अपरिहार्य है । |
प्राचीन संस्कृति का आचरण करेंगे तो ही हमारा भविष्य उज्जवल होगा ! – मीनाक्षी शरण, हिन्दुत्वनिष्ठ
हिन्दुओं को हिन्दू परंपराओं तथा रीति-रिवाजों के विरुद्ध कार्यरत कथाओं की बलि नहीं चढना चाहिए । हिन्दू धर्म में कहीं भी असमानता की भावना नहीं है । हिन्दू धर्म में ब्रह्मा से लेकर घास के ढेर तक सभी की पूजा की जाती है । नारी को शक्ति (देवी) के रूप में पूजा जाता है । दहेज जैसी सामाजिक कुप्रथा को समाज से समाप्त किया जाना चाहिए । ’अयोध्या फाउंडेशन’ की संस्थापक मीनाक्षी शरण ने यहां आयोजित ’विश्व हिन्दू कांग्रेस’ के एक सेमिनार में कहा कि हम प्राचीन संस्कृति का आचरण करेंगे तभी हमारा भविष्य उज्जवल होगा ।
Was there any place for inequality & discrimination against women or anybody for that matter in a society that has been co – existing in harmony with all life on earth, worshipping every being, worshipping Devis?
Speaking at the @worldhinducongress #worldhinducongress2023… pic.twitter.com/OC9g0f8tmP
— Meenakshi Sharan (@meenakshisharan) November 24, 2023