सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘अपने विभाग में हो रहा भ्रष्टाचार उजागर न करनेवाले पुलिसकर्मी क्या समाज में हो रहा भ्रष्टाचार उजागर कर पाएंगे ?’
मतदाताओ, मत देते समय इस बात का विचार करो !
‘मतदाताओ, आपके द्वारा चुने गए उम्मीदवार द्वारा की गई चूकों (गलतियों) के लिए आप ही उत्तरदायी होंगे । इसलिए उन चूकों का पाप आपको लगेगा, यह ध्यान में रखकर मतदान
करो !’
‘मानसिक नहीं, केवल शारीरिक प्रेम करनेवाले आजकल के पति-पत्नी !
‘आज के काल में स्त्री पुरुषों में अधिकांशतः केवल शारीरिक प्रेम होता है । इस कारण उन्हें विवाह करने की भी आवश्यकता प्रतीत नहीं होती और यदि उन्होंने विवाह किया, तो वह स्थायी नहीं रहता । यदि उनकी एक दूसरे से ना बने, तो मानसिक प्रेम न होने के कारण वे जोडीदार परिवर्तित करते रहते हैं । विवाह किया हो, तो शीघ्र ही विवाह विच्छेद कर वे अलग हो जाते हैं ।’
नौकरी के लिए शैक्षिक पात्रता के साथ ही व्यक्तिगत गुण भी महत्त्वपूर्ण !
‘किसी भी क्षेत्र में किसी को केवल उसके शैक्षिक प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी न देते हुए उसके व्यक्तिगत गुण देखकर भी चुनाव करना आवश्यक है !’
– सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले