मथुरा के बांके बिहारी मंदिर मार्ग को (‘कॉरिडॉर’ को) उच्च न्यायालय द्वारा अनुमति !

५ एकड भूमि पर बनाएंगे मार्ग !

प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) – मथुरा के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर मार्ग को (‘कॉरिडॉर’ को) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अनुमति दी । इसके अतिरिक्त कुंज मार्ग पर हुआ अतिक्रमण हटाने का आदेश भी दिया गया है; परंतु उसी समय मंदिर के बैंक खाते में जमा २६२ करोड ५० लाख रुपए इस मार्ग की निर्मिति के लिए व्यय करने की अनुमति सरकार को नहीं दी है । न्यायालय ने कहा है कि सरकार अपना ही पैसा इसके लिए व्यय करें। उत्तर प्रदेश सरकार मंदिर के आसपास की ५ एकड भूमि पर यह मार्ग बनाएगा ।

न्यायालय ने बताया कि सरकार प्रस्तावित योजना के अनुसार आगे जा सकती है; परंतु दर्शन के लिए आनेवालों को किसी भी अडचनों का सामना करना न पडे । एक बार अतिक्रमण हटाया जाने पर इन मार्गाें पर पुनश्च अतिक्रमण न हो और मंदिर के प्रवेश मार्गाें पर कोई बाधा उत्पन्न न हो, इसकी सावधानी सरकार लें ।

जनहित याचिका पर न्यायालय ने दिया निर्णय !

अनंत शर्मा, मधुमंगल दास और अन्यों की ओर से वर्ष २०२२ में जनहित याचिका प्रविष्ट की गई थी । सर्वसाधारण दिनों पर मंदिर में दर्शन के लिए आनेवाले श्रद्धालुओं की संख्या ४० से ५० सहस्र होती है, ऐसा बताया गया; परंतु शनिवार, रविवार और छुट्टी के दिन यह संख्या डेढ से अढाई लाख तक जाती है । त्यौहार तथा शुभ दिनों पर दर्शन के लिए आनेवाले श्रद्धालुओं की संख्या लगभग ५ लाख तक पहुंचती है । मंदिर की ओर जानेवाले मार्ग अत्यंत संकीर्ण हैं । इससे भारी मात्रा में भीड होकर यातायात में अनेक अडचनें आ रही हैं । संकीर्ण मार्गाें पर अतिक्रमण हुआ है । इससे परिस्थिति और भी जटिल हुई है । कई बार भगदड मचती है । कुछ समय पहले लोगों की घुटन से मृत्यु हुई है । भीड के समय प्रशासकीय तंत्र पूर्णतः असफल रहते हैं । इतना होने पर भी उत्तर प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन ने कोई ठोस कदम उठाया नहीं है । याचिका में आवाहन किया गया था कि इस प्रकरण में राज्य सरकार उचित कदम उठाए ।

कैसा होगा मार्ग (कॉरिडॉर) ?

१. यमुना की ओर से आनेवाला मार्ग २ सहस्र १०० चौरस मीटर क्षेत्रफल का होगा । इस मार्ग से आने-जानेवालों के लिए २ भागों में ‘कॉरिडॉर’ विकसित किया जाएगा । एक नीचला भाग होगा और दूसरा उसके उपर लगभग ३.५ मीटर होगा, जिसपर एक ढलान होगी ।

२. दोनों भागों में प्रसाधनगृह, सामान रखने का कक्ष, पीने के पानी की सुविधा, बाल संगोपन कक्ष, चिकित्सकीय व्यवस्था, महनीय व्यक्तियों के लिए कक्ष तथा यात्रियों के लिए प्रतीक्षालय बनाया जाएगा । कॉरिडॉर का नीचला भाग लगभग ५ सहस्र चौरस मीटर, तो उपर का भाग लगभग ६५० चौरस मीटर होगा ।

३. कॉरिडॉर के नीचले भाग में लगभग ८०० चौरस मीटर परिसर में पूजा सामग्री के दुकान बनाए जाएंगे । कॉरिडॉर बनाते समय जो दुकान गिराए जाएंगे, उन्हें यहां दुकान दिए जाएंगे ।

४. यमुना द्रुतगति मार्ग से आनेवाले श्रद्धालुओं के लिए बांके बिहारी पुल का वाहन अड्डा ३७ सहस्र चौरस मीटर में बनाया जानेवाला है । इसमें लगभग ११ सहस्र चौरस मीटर क्षेत्र का विकास किया जाएगा । यहां एक साथ लगभग १ सहस्र ५५० वाहन खडे करना संभव होगा ।