China never occupied foreign land : (और इनकी सुनिए…) ’चीन का किसी दूसरे देश की १ इंच भूमि पर भी नियंत्रण नहीं !’

कपटी चीनी राष्ट्रपति का घोर झूठ !

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग

सैन फ्रांसिस्‍को (अमेरिका) – चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यहां चल रहे एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में कहा कि चीन ने अपनी स्‍थापना के बाद से एक इंच भी विदेशी भूमि पर नियंत्रण नहीं किया । अभी तक चीन के कारण कोई युद्ध आरंभ नहीं हुआ । शी जिनपिंग ने उपरोक्‍त बयान ’एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग’ शिखर सम्‍मेलन के अवसर पर दिया । (१९५० में तिब्‍बत पर किसने आक्रमण किया? १९६२ में भारत पर किसने आक्रमण किया? जैसे ये बातें दुनिया जानती ही नहीं, इस आशय से शी जिनपिंग बोल रहे हैं और अमेरिकी चुपचाप सुन रहे हैं ! – संपादक)

शी जिनपिंग ने आगे कहा कि चीन चाहे विकास के किसी भी (चाहे कितने भी ऊंचे) स्‍तर पर पहुंच जाए, हम कहीं भी नियंत्रण करनेे का प्रयास नहीं करेंगे । हम कभी भी अपनी इच्‍छा दूसरों पर नहीं थोपेंगे । चीन अपना प्रभाव नहीं बढ़ाना चाहता और हम किसी से युद्ध नहीं करेंगे. (चूंकि ’हिंदी-चीनी भाई-भाई’ कहकर भारत पर आक्रमण करनेवाले चीन की मानसिकता पूरा विश्‍व जानता है, तो शी जिनपिंग की इन बातों पर कौन विश्‍वास करेगा ? – संपादक)

  • संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका पर चीन का दबाव !

  • प्रगति कर रहे अमेरिका को देखकर हमें आनंद होगा; परंतु उसे हमारे आंतरिक सूत्रों में हस्‍तक्षेप नहीं करना चाहिए !

अमेरिका-चीन संबंधों के बारे में बात करते हुए शी जिनपिंग ने कहा कि विश्‍व को चीन और अमेरिका के साथ मिलकर काम करने की आवश्‍यकता है । अपने लाभ के लिए और चीन को हानि पहुंचाने वाला कार्य करना अनुचित है ।’ जग चाहे कितनी भी बदल जाए, अमेरिका तथा चीन के बीच शांतिपूर्ण संबंधों में कभी परिवर्तन नहीं होगा । चीन कभी भी अमेरिका के विरूद्ध कार्य नहीं करता । हमें आत्‍मविश्‍वास पूर्ण तथा निरंतर आगे बढ़ते अमेरिका को देखकर बहुत आनंद होगा ।’

इसके साथ ही अमेरिका को चीन के आंतरिक सूत्रों में हस्‍तक्षेप नहीं करना चाहिए । हम सभी को मिलकर शांतिपूर्ण, स्‍थिर तथा समृद्ध चीन का स्‍वागत करना चाहिए। (अगर चीन सच में ऐसा होता तो विश्‍व उसका स्‍वागत अवश्‍य करता; लेकिन चीन का स्‍वागत नहीं किया जा सकता क्‍योंकि उसके खाने के और दिखाने के दांत अलग-अलग हैं ! – संपादक)

ये है चीनी ड्रैगन की वास्‍तविकता !

  • अप्रैल २०२३ में चीन ने अपने मानचित्र में अरुणाचल प्रदेश के ११ स्‍थानों के नाम परिवर्तन कर दिए ! इससे पहले भी उसने २०२१  में १५ और २०१७ में ६ स्‍थानों के नाम परिवर्तन किए थे । चीन का दावा है कि अरुणाचल पारंपरिक रूप से दक्षिणी तिब्‍बत का भाग है ।
  • चीन का फिलीपींस, वियतनाम तथा मलेशिया के साथ-साथ ताइवान तथा दक्षिण चीन सागर पर भी विवाद है।

संपादकीय भूमिका 

  • अगर ऐसा है तो चीन प्रथम तिब्‍बत को स्‍वतंत्र करे । अक्‍साई चीन भारत को लौटाए । अरुणाचल प्रदेश पर उनका कथित अधिकार समाप्‍त होने की घोषणा करे ।’ हांगकांग पर अपना प्रभुत्‍व समाप्‍त करे। ताइवान के साथ शत्रुता समाप्‍त करे । अगर वह ऐसा करता है तो ही उसके इसप्रकार कहने का कुछ अर्थ है !
  • क्‍या कोई बच्‍चा भी चीन की इस बात पर विश्‍वास करेगा ?