यूरोप के साम्यावादी विचारक जिजेक ने श्रीमद्भगवतगीता को ‘संसार का अश्लील ग्रंथ’ संबोधित किया !
नई देहली – युरोप के स्लोवेनिया देश के साम्यवादी विचारक स्लावेज जिजेक ने श्रीमद्भगवद्गीता के विषय में अवमानकारक कथन किया है । इस संदर्भ में एक विडीयो ‘ ईयर ऑफ दि क्रेकन’ इस एक्स खाते से प्रसारित किया गया है । जिसमें जिजेक ने गीता को ‘ विश्व की सबसे अश्लील और घृणास्पद धार्मिक पुस्तकों में से एक’ कहा है ।
Hindus and Hindu organizations in the West need to strongly come out against comments such as this. Otherwise, the day is not long before they start blaming Hinduism for Nazi genocides. https://t.co/tH2CDCOKZP
— Sensei Kraken Zero (@YearOfTheKraken) November 7, 2023
‘ओपेनहाइमर’ चलचित्र के दृश्य पर की टिप्पणी
‘ओपेनहाइमर’ चलचित्र में शारीरिक संबंध के दृश्य के समय अभिनेताओं के पास श्रीमद्भगवतगीता दिखाई गई थी । इस दृश्य को लेकर स्लावोज ने टिप्पणी करते हुए कहा , ‘इस दृश्य के कारण भारत में बडी खलबली मची थी । घृणास्पद अश्लील कृत्य करते समय पास में श्रीमद्भगवतगीता दिखाने के कारण भारतियों ने आक्रोश किया था । ‘मैं उनसे सहमत हूं; परंतु विपरीत अर्थ से । लोग प्रेमसंबंधों जैसा सुंदर कृत्य करने का क्षण यह अत्यंत घृणास्पद पवित्र ग्रंथ पढकर गंवा देते हैं ।’
दावा किया कि नाजी अधिकारी ने किए नरसंहार के पीछे भगवद्गीता
जिजेक ने ऐसा भी कहा है कि कुविख्यात नाजी अधिकारी हैन्रिख हिम्म्लर सदैव अपने साथ गीता रखते थे । जब हिम्म्लर को पूछा जाता कि, ‘आप अत्यंत भयानक कृत्य कर रहे हैं । आप महिला और बालकों की हत्या कर रहे हैं । आप मानव होते हुए भी ऐसे कैसे कर सकते है ?’ इसपर उनका उत्तर एक ही होता था, ‘श्रीमद्भगवतगीता’ ।
संपादकीय भूमिकाकहा जाता है, ‘बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद ?’ इसलिए हिन्दुओं के धार्मिक ग्रंथों की इस प्रकार आलोचना की जाती है ! यह समझ लें कि स्वयं को नास्तिकतावादी कहलानेवाले साम्यवादी विचारक ‘जिहादी आतंकवादी किस ग्रंथ के कारण बनते हैं ?’ तथा ‘चर्च के पादरी वासनांध क्यों बनते हैं ?’, इस विषय पर कभी बात नहीं करते ! |