Assam Janata Raja : असम में ‘जाणता राजा’ महानाट्य का प्रयोग होगा ! – मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा
असम के महान हिन्दू योद्धा लचित बरफुकन का भी जीवनचरित्र इस प्रकार के महानाट्य के रूप में विश्व के सामने लाने का विचार !
गुवाहाटी (असम) – असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा, ‘‘छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवनचरित्र पर आधारित ‘जाणता राजा’ महानाट्य का प्रयोग असम राज्य में किया जाएगा । उस आधार पर आगे असम के महान हिन्दू योद्धा लचित बरफुकन का भी चरित्र इस प्रकार के महानाट्य के रूप में जगत के सामने ला पाएंगे ।’’
सरमा आगे बोले,
१. जिसप्रकार छत्रपति शिवाजी महाराज ने मुगलों के आक्रमण का सामना किया, उसीप्रकार लचित बरफुकन ने मुगलों से युद्ध किया था । ऐसा होते हुए भी लचित का इतिहास और पराक्रम का परिचय केवल असम तक ही मर्यादित रहा । (यही तो धर्मनिरपेक्ष भारत की दुर्भाग्य है । भारत के गौरवशाली इतिहास उनकी अगली पीढियों तक न पहुंचने देने के लिए ‘पश्चिमी संस्कृति को अपनानेवाली’ नेहरू और ‘संस्कृत को मृत भाषा संबोधित करनेवाली’ राजीव गांधी की काँग्रेस ही उत्तरदायी है ! – संपादक)
२. बरफुकन के चरित्र का परिचय भारत को हो, इसलिए छत्रपति शिवाजी महाराज के चरित्र पर आधारित ‘जाणता राजा’ नाटक समान ही उनके चरित्र पर भी महानाट्य किया जाए, यह परामर्श प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही कुछ दिनों पूर्व दिया था । इसीलिए ‘असम के नाटककारों को लचित बरफुकन के चरित्र पर नाटक प्रस्तुत करने का अनुभव मिले’, इसके लिए असम में सर्वत्र ‘जाणता राजा’का महानाट्य किया जाएगा ।
मुंबई में बनेगा श्री कामाख्या देवी का मंदिर !
आगे सरमा बोले, ‘‘महाराष्ट्र में और प्रमुखरूप से मुंबई में भारी संख्या में आसामी नागरिक रहते हैं । इसलिए मुंबई में कामाख्या देवी का मंदिर बनाया जाएगा । इसके लिए अपेक्षित भूमि ढूंढी जा रही है । इस विषय में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से चर्चा की है और शीघ्र ही उस संदर्भ में निर्णय लिया जाएगा । असम में महाराष्ट्र सदन बनाने का प्रस्ताव भी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रखा है ।