महुआ मोईत्रा ने प्रधानमंत्री मोदी को बदनाम करने के लिए अदानी को लक्ष्य बनाया !
हिरानंदानी समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दर्शन हिरानंदानी का दावा
नवी देहली – हिरानंदानी समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दर्शन हिरानंदानी ने शपथपत्र प्रस्तुत कर यह स्वीकार किया है कि तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोईत्रा यांनी ने अदानी समूह को लक्ष्य बनाकर संसद मोदी सरकार को घेर लिया जा सके; ऐसे कुछ प्रश्न निकाले थे तथा वे उन प्रश्नों को संसद में उठानेवाली थीं । सांसद महुआ मोईत्रा पर ‘कैश-फॉर-क्वेरी’ अर्थात् लोकसभा में प्रश्न पूछने के लिए एक उद्योगपति से पैसे लेने का आरोप लगाया गया है । इस प्रकरण में दर्शन हिरानंदानी ने लोकसभा की आचार समिति के पास शपथपत्र प्रस्तुत किया है । इसमें दर्शन हिरानंदानी ने यह दावा किया कि महुआ मोईत्रा ने उन्हें अपना संसद का लॉगइन पता तथा पासवर्ड दिया है । महुआ मोइत्रा का लॉगइन पता तथा पासवर्ड मिलने से हिरानंदानी उनकी सुविधा के अनुसार मोईत्रा की ओर से सीधे लोकसभा में प्रश्न उठा सकते थे ।
१. दर्शन हिरानंदानी ने शपथपत्र में ऐसा भी कहा है कि पत्रकार सुचेता दलाल, विख्यात अधिवक्ता शार्दूल श्रॉफ तथा उनकी पत्नी अधिवक्ता पल्लवी श्रॉफ ने इसमें मोईत्रा की सहायता की । इसके अतिरिक्त कांग्रेस नेता शशी थरुर तथा बिजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा ने भी मोईत्रा की सहायता की । मोईत्रा ने इसमें कुछ विदेशी पत्रकारों से भी सहायता ली थी । महुआ मोईत्रा ने मुझसे महंगी भेंटवस्तु भी ली, साथ ही मैंने उनके सरकारी आवास का नवीकरण भी किया । मोईत्रा की यात्रा तथा छुट्टियों का खर्चा भी मैंने किया था ।
२. दर्शन हिरानंदानी ने यह स्वीकार किया कि महुआ मोईत्रा राजनीति में तीव्रगति से आगे बढने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने की इच्छुक थीं तथा उसके लिए ही उन्होंने अदानी को लक्ष्य बनाया । इसके लिए वे राहुल गांधी के संपर्क में भी थीं ।
३. भाजपचे खासदार निशिकांत दुबे द्वारा लोकसभा अध्यक्ष ओम् बिर्ला को २ पत्र लिखे जाने के कुछ दिन उपरांत हिरानंदानी ने यह शपथपत्र प्रस्तुत किया । निशिकांत दुबे ने अपने पत्र में महुआ मोईत्रा पर गंभीर आरोप लगाए थे । उसमें उन्होंने मोईत्रा ने हिरानंदानी समूह के हितों की रक्षा करने के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया था, जबकि सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्री श्री. अश्विनी वैष्णव से उन्होंने इस प्रकरण से संबंधित तांत्रिकदृष्टि से जांच करने की मांग की थी ।
महुआ मोईत्रा ने की हिरानंदानी के शपथपत्र की आलोचना
महुआ मोईत्रा ने हिरानंदानी के इस शपथपत्र की आलोचना करते हुए इस शपथपत्र को हास्यास्पद बताया है । उन्होंने कहा है कि संबंधित पत्र का मसौदा प्रधानमंत्री कार्यालय ने बनाया है तथा उस पर हस्ताक्षर करने के लिए दर्शन हिरानंदानी को बाध्य बनाया गया है ।
महुआ मोईत्रा के अधिवक्ता की अभियोग से पीछे हटे !
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोईत्रा ने देहली उच्च न्यायालय में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे तथा अधिवक्ता जय अनंत देहादराई के विरुद्ध मानहानि का अभियोग प्रविष्ट किया था, उस पर २० अक्टूबर को सुनवाई हुई । उसमें अधिवक्ता जय अनंत ने कहा कि १९ अक्टूबर की रात को श्री. अधिवक्ता शंकरानारायण (सांसद महुआ मोईत्रा के अधिवक्ता) ने दूरभाष कर इस अभियोग में समझौता करने के लिए कहा । यह सुनकर न्यायाधीश दत्ता ने कहा कि अधिवक्ता शंकरनारायणन् ने इस अभियोग में मध्यस्थता की भूमिका का निर्वहन करने का प्रयास करने से आश्चर्य होता है । यह एक ऐसी बात है, जिसका उत्तर अधिवक्ता शंकरनारायन् को स्वयं देना पडेगा । यह उनका निर्णय है ।
इसके उपरांत शंकरनारायणन् इस अभियोग से पीछे हट गए । इसकी अगली सुनवाई ३१ अक्टूबर को होनेवाली है ।
मैं पूछताछ के लिए उपस्थित रहने के लिए तैयार ! – सांसद महुआ मोईत्रामहुआ मोईत्रा ने ट्वीट कर कहा कि केंद्रीय अन्वेषण विभाग अथवा लोकसभा आचारसंहिता समिति (जिसमें भाजपा के सदस्यों का बहुमत है) जब मुझे कभी बुलाएंगे, उस समय मैं उनके सामने पूछताछ के लिए उपस्थित रहने के लिए तैयार हूं । अदानी समर्थकों की ओर से चलाई जा रही ‘मीडिया ट्रायल’ की ओर (समाचारवाहिनियों की ओर से की जानेवाली चर्चा) तथा भाजपा की ओर से किए जा रहे ‘ट्रोल’ की ओर (सामाजिक माध्यमों के द्वारा विरोध करना) ध्यान देने के लिए मेरे पास समय भी नहीं है तथा इच्छा भी नहीं है । |
संपादकीय भूमिकाऐसे सांसदों की सदस्यता रद्द करनी चाहिए ! |